10 म्हें रात-दिन परमेसरऊँ जीज्यानऊँ अरदास करर्या हां क थानै देखां अर थारा बिस्वास की कमी पूरी करां।
म्हें राजी हां जद म्हें कमजोर अर थे ताकतबर हो। अर आ अरदास बी करां हां क, थे मजबूतऊँ बी मजबूत बणो।
इब म्हारो परम-पिता परमेसर अर परबु ईसु खुदई अंय्यां को गेलो खोलै क म्हें थारूँ आर मिलां।
अर इको ओ मतबल कोनी क म्हें थारा मालिक हां जखा थानै खेवां क थारो बिस्वास कंय्यां को होवै। पण म्हें तो थारी खुसी ताँई थारै सागै काम करां हां, क्युं क थे बिस्वास म मजबूत हो।
तिमूतियूस म रात-दिन मेरी अरदास म तनै याद करूं हूँ, अर तेरै ताँई परमेसरनै धनेवाद देऊँ हूँ। जिकी सेवा म मेरा बडका की जंय्यां पबितर अन्तर-आत्माऊँ करूं हूँ।
इ ताँई, म्हें थारै ताँई सदाई अरदास करां हां क, आपणो परमेसर थानै जुग-जुग का जीवन जोगो बणावै, जि ताँई थानै बो बुलायो ह। परमेसर थानै सक्तिऊँ भरै जिऊँ थे भलाई की हरेक इंछ्यानै अर बिस्वास का हरेक कामानै पूरा करो।
म पक्कोई आ जाणू हूँ क म जिंदो रेहस्युं। अर थारा बिस्वास अर आनंदनै बढाबा ताँई थारै सागैई रेहस्युं।
अर इ भरोसा की बजेऊँई म थारै कनै दो बर आबा की मन म करी जिऊँ थानै दो बर आसिरबाद पाबा को मोको मिल सकै।
आ बाई आस ह जिनै पाबा ताँई आपणा मिनखा का बारां कूणबा दिन-रात परमेसर की भगती करी। अर इ आस की बजेऊँई अ यहूदि मेर प दोस लगावीं हीं, म्हराज!
मेरै ताँई एक कोठो त्यार राखजे, क्युं क मनै आस ह की थारी अरदास की बजेऊँ थारूँ मिलस्युं।
थारै मालोई एक ओर ह जिको नाम इफरास ह अर मसी ईसु को दास ह बिकी बी थानै “जे मसी की” पुगै। ओ सदाई थारै ताँई जी ज्यानऊँ अरदास करै ह जिऊँ थे परमेसर की सगळी इंछ्या म समजदारी अर पूरा भरोसा क सागै खड़्या रेह सको।
म्हें मसी को परचार कर हरेक मिनखानै चितावां अर सगळा ज्ञानऊँ बानै सीखावां, जिऊँ हरेक मिनखनै मसी म सिद कर परमेसर क सामनै हाजिर कर सकां।
इब बा चोरासी बरस की होरी ही। अर बा कदैई मनदरनै कोनी तज्यो बा रात-दिन बरत अर अरदास क सागै परबु की भगती करती।
बा च्यारू जीवता पराण्या क छ: छ: पंख हा बाकै च्यारूमेर आँख्याई आँख्या ही, अठै ताँई बाकै पांखड़ा क तळै बी आँख्या ही अर बे रात-दिन एकई बात बोलता रेह्ता हा, “‘सऊँ सक्तिसाली परबु परमेसर पबितर, पबितर, पबितर ह,’ जखो हो, जखो ह, जखो आबाळो ह।”
ओ मेरा लाडला बिस्वास्यो, म आखीरक आ बोलां क सागै इ चिठीनै बंद करूं हूँ, राजी रेह्ओ, थारो भेवार बदलो, एक दुसरानै हिमत बंधाओ, स्यांती अर मेळमिलापऊँ रेह्ओ। जणा परमेसर जखो स्यांती अर परेम को दातार ह, बो थारै सागै रेह्सी।
जणाई, “अ परमेसर का सिंघासन क सामै खड़्या हीं, अर बिका मनदर म रात-दिन बाकी भगती करता रेह्वै ह, इ ताँई जखो सिंघासन प बिराजमान ह, बो बामै बास कर बानै बचासी।