मेरा लाडला बिस्वासी भाईड़ो, म चाऊँ हूँ थे इनै जाणो क म बोळी बार थारै कनै आबा की सोची क थारै म बाकी का दुसरा गैर-यहूदि मिनखा की जंय्यां फळ पा सकूँ पण हर बर क्युंना क्युं अंय्यां होयो क म कोनी आ सक्यो।
अर म उमर म बी बडो हूँ अर अठै ताँई क म मसी ईसु का चोखा समचारनै सुणाबा की बजेऊँ जेळ म बंदि हूँ। पण आ सगळी बाता क वावजुद बी म तेरूँ परेमऊँ अरदास करूं हूँ,
चिठी का इ भाग म, म पोलुस, मेरै खुदका हातऊँ थानै जे मसी मांडूँ हूँ। अर अंय्यां चिठी का आखरी भाग म मेरै हात की लिखावटई तो मेरी चिठ्या की पिछाण ह, क आनै भेजबाळो मई हूँ।