म तनै परमेसर, मसी ईसु अर टाळेड़ा ईस्बर नगरी दुता की मोजूदगी म बोलुँ हूँ क, बिना कोईकी भीड़ लिये तू आ आदेसानै मानजै अर ख्यामई कोईकै सागैई भेद-भाव मना करजे।
जखा मिनख इ दुनिया म पिसाळा हीं बानै आदेस दे बे इपै गुमान नइ करै, पण बाकी आस, नास होबाळा धन की बजाय परमेसर म हो, जखो आपानै आपणा सुक ताँई सगळी चिजा देवै ह।