19 इ ताँई जखो परमेसर की इंछ्या गेल दुख उठावै ह, बे भला काम करता होया खुदनै बिस्वास जोगा परमेसरनै सूप दे जखो थानै बणायो ह।
अर इ बजेऊँई म अ सगळा दुख उठाऊँ हूँ। पण म इ ताँई सरमिंदा कोनी, क्युं क म जाणू हूँ क, मेरो बिस्वास किमै ह, अर म इ बात ताँई पक्को हूँ क, जोक्यु बो मनै सूप्यो ह बिनै मसी क ओज्यु आबाळा दिन ताँई बचाबा को बळबूतो राखै ह।
अर ज परमेसर की इंछ्या ह क थे भलाई करबा की बजेऊँ दुख भोगो, जणा बुराई करबाऊँ तो चोखो दुख भोगबो ह।
जणाई परमेसर थारूँ चावै ह क, थे थारा भला कामाऊँ बेबुदी की बाता करबाळा को मुंडो बंद कर द्यो।
बे मिनख जखा थ्यावसऊँ भला कामा म लागर मेमा, मान-समान अर अजर-अमर जीवननै टोवीं हीं बानै परमेसर अजर-अमर को जीवन देसी।
अर बे बिपै भाठा बगाबा लागर्या हा बि टेमई बो परमेसरऊँ आ खेतो अरदास करबा लाग्यो, “ओ परबु ईसु मेरा पिराणानै थारै कनै बुलाल्यो।”
ईसु जोरकी उवाज म बोल्यो, “परम-पिता म मेरी आत्मा थारा हाता म देऊँ हूँ आ खेताई, बो पिराण तज दिआ।”
अ बा मिनखा की आत्मा ही जखी नूह का टेम म जद बो झाज बणार्यो हो बे परमेसर का कह्यानै कोनी मान्या पण परमेसर बा बेई थ्यावस राख्यो। बस आठ मिनख झाज म बड़्या अर पाणी म डूबबाऊँ बचाया गया हा।