16 अर थारी अन्तर-आत्मानै बी सुद राखो, अंय्यां थे बा मिनखानै सरमा मार देस्यो जखा मसी म थारै भला करमा क बारां म बुरो बोलीं हीं।
परमेसरनै नइ ध्यारबाळा मिनख थानै बुरा बतावीं हीं। इकै वावजुद बी बाकै मांयनै थारो बरताव अर चाल-चलन चोखो राखो। जिऊँ जखी चोखी बाता बे थारै म देखसी बा बेई बे न्यायहाळा दिन परमेसर की मेमा करसी।
थे म्हारै ताँई अरदास करता रेह्वो। अर म्हानै पक्को बेरो ह क म्हारी अन्तर-आत्मा सुद ह। अर म्हें हरतर्याऊँ चोखी जिंदगी जिबो चावां हां।
जणाई परमेसर थारूँ चावै ह क, थे थारा भला कामाऊँ बेबुदी की बाता करबाळा को मुंडो बंद कर द्यो।
बोई बोल जिपै कोई आँगळी नइ उठा सकै, जिऊँ तेरा बेरी सरमिंदा होवीं अर बाकन आपानै बुरो बताबा की कोई बजै नइ होवै।
भागहाळा हो थे जखा मनै मानबा की बजेऊँ मिनख थानै सतावै ह, थारी बेजती करै अर झूठ बोलर हर बाता म थानै बुरा बतावीं हीं।
क्युं क परमेसर क बारां म सोचर, ज कोई मिनख बिना गळती कई सक्यु सेह्वै ह, बो परमेसरनै राजी करै ह।
अर बा पाणी की बाढ बतिस्मा की जंय्यां ही, बतिस्मो जखो थारो छुटकारो करै ह पण इ बतिस्मा को मतबल काया का मेलनै धोबो कोनी पण अन्तर-आत्मानै सुद कर खुदनै परमेसर कानि मोड़बो ह। क्युं क ईसु मसी मरेड़ा मऊँ ओज्यु जीवायो गयो ह।
इ आदेस को मकसद ओ ह क, सगळा बिस्वासी परेमऊँ भरज्यावै, जखो पबितर मनऊँ, साप अन्तर-आत्माऊँ अर बिना मिलावट का बिस्वासऊँ पैदा होवै ह।
म मसी म सच बोलर्यो हूँ। म झूठ कोनी बोलुँ अर मेरी अन्तर-आत्मा पबितर आत्मा म मेरी गुवाई देवै ह,
जणाई तो म बी आई कोसिस करूं हूँ की परमेसर अर मिनखा क सामै मेरी अन्तर-आत्मा साप रेह्वै।
ज अ बाता साची ह जणा मसी को लोय कतो सक्तिसाली ह। अर अजर-अमर पबितर आत्मा क जरिए बो खुदनै निरदोस चढावा क रूप म परमेसरनै चढा दिओ, अंय्यां करबाऊँ अर लोयऊँ आपानै बो, मोत क गेलै लेज्याबाळा कामाऊँ सुद कर दिओ जिऊँ आपा जीवता परमेसर की सेवा कर सकां।
म्हानै गुमान ह क म्हें साप अन्तर-आत्माऊँ आ खे सकां हां, क म्हें इ दुनिया का मिनखा क सागै अर खासकर थारै सागै परमेसर की खराई अर ईमानदारीऊँ रिह्या हां। अंय्यां म्हें परमेसरऊँ मिलबाळी दयाऊँ कर्या हां, दुनियादारीऊँ मिलबाळी बुदीऊँ नइ।
तिमूतियूस म रात-दिन मेरी अरदास म तनै याद करूं हूँ, अर तेरै ताँई परमेसरनै धनेवाद देऊँ हूँ। जिकी सेवा म मेरा बडका की जंय्यां पबितर अन्तर-आत्माऊँ करूं हूँ।
बिस्वास अर साप अन्तर-आत्मा राख। क्युंक मिनख खुदकी अन्तर-आत्मा की कोनी सुणी, जिऊँ बे बिस्वासऊँ फिरगा।
म्हें बेसरमी का काम कोनी करां। नइ तो म्हें कपट राखां हां अर नइ झूठी बातानै परमेसर की कर बतावां हां। पण परमेसर क सामै म्हें सच बोलर्या हां अर जखा सचा हीं बेई इ बातनै जाणी हीं।
पण म्हें तेरा बिचार तेरा मुंडाऊँई सुणबो चावै हां, क्युं क जि पंथऊँ तू ह बिकै खिलापत म सगळी झघा लोग बाता करै ह।”
पण इब जद थे बाका बा बुरा कामा म सामिल कोनी होवो जणा बानै ताजूब होवै ह। अर बे थारी बुराई करै ह।