11 बुराई करबो छोडर भलाई करै, अर इ कोसिस म लाग्यो रेह्वै क मेळमिलापऊँ कंय्यां रेह्ऊँ।
भागहाळा ह बे जखा मेळमिलाप करावै ह; बे परमेसर का टाबर खुवासी!
सगळा क सागै मेळमिलाप राखबा अर पबितर होबा ताँई हरेक जंय्यां कोसिस करो क्युं क बिना पबितरता क कदैई कोई परबुनै कोनी देख सकै।
जणा, बा बाता म लाग्या रेह्ओ जखी स्यांतीनै बढावै ह अर एक दुसरा की आत्मिक बढोतरी म मदद करै ह।
परमेसर थानै एक सागै एकई काया म स्यांतीऊँ रेह्बा ताँई बुलायो ह, जणा इब थे मसी जखी स्यांती थानै दि ह बिनै थारा हिया म राज करबा द्यो। अर परमेसर को धनेवाद करता रह्यो।
क्युं क परमेसर को राज खाबो-पीबो कोनी पण बो तो धारमिक्ता, स्यांती अर पबितर आत्माऊँ मिलबाळो सुक ह।
जठै ताँई होवै सगळा मिनखा क सागै स्यांतीऊँ रेह्ओ।
मेरा लाडला, तू तो बुराई क गेलै नइ पण भलाई क गेलै चालजे। क्युं क जखो बी मिनख भलाई करै ह, बो परमेसर को ह। अर जखो बुराई करै ह बो परमेसरनै कोनी जाणै।
अर जखो बी मिनख भलाई करबो जाणै ह पण कोनी करै जणा बो पाप करै ह।
अर भलाई करबो अर खुदकी चिजानै दुसरा क सागै बांटबो मना भूलज्यो। क्युं क परमेसर अंय्यां का बलिदानाऊँई राजी होवै ह।
चोखा काम करबा ताँई बानै आदेस दे, जिऊँ बे चोखा काम करबाळा, दान देबाळा अर हियाऊँ देबाळा होवीं।
जणा जठै ताँई मोको मिलै, आपा सगळा क सागै भलाई करां, अर खास कर बिस्वासी भाईड़ा क सागै।
पण पबितर आत्मा का फळ परेम, खुसी, स्यांती, थ्यावस, दया, भलाई, बिस्वास,
काया की बाता प मन लगाबो तो मरबो ह, पण पबितर आत्मा प मन लगाबो जीवन अर स्यांती ह।
जणा म मेरै मांयनै ओ नियम पाऊँ हूँ क, म जद बी चोखो करबो चाऊँ जणा म मेर म बुराई पाऊँ हूँ।
आपा बिस्वास की बजेऊँ धरमी होगा हां, इ ताँई परबु ईसु मसी क जरिए आपणो मेळमिलाप परमेसरऊँ ह।
म आ अरदास कोनी करूं क थे बानै इ धरतीऊँ उठाल्यो, पण म अरदास करूं हूँ थे बानै बुराईऊँ बचार राखो।
अर थे म्हानै बिचासबा मना द्यो पण बुराईऊँ बचाओ।
जिऊँ थे ईस्बर नगरी म रेह्बाळा थारा परम-पिता की ओलाद बण सको। क्युं क परमेसर भला अर बुरा दोन्यु जंय्यां का मिनखा प सूरज को च्यानणो करै ह। अर धरमी अर पापी दोन्यु प म्हें बरसावै ह।
क्युं क जखा चोखा काम म करबो चाऊँ हूँ बे म कोनी करूं पण जखा बुरा काम म कोनी करबो चाऊँ बेई कर्या करूं हूँ।
पण थारा दुस्मनाऊँ बी प्यार-परेम राखो, बाकै सागै बी भलाई करो, अर क्युं बी पाछो नइ आबा की आस कर बानै करजो द्यो। अर अंय्यां करस्योक जणा थारै ताँई बडो इनाम होसी। अर थे परम-परधान परमेसर का टाबर खुवास्यो क्युं क बो तो बुरा अर बिको धनेवाद नइ करबाळा प बी दया दिखावै ह।
जणा ईसु मिनखाऊँ बोल्यो, “म थारूँ बुजूँ हूँ अरामहाळा दिन बिधी गेल काँई ह कोईको भलो करबो नहिस बुरो करबो? कोईकी ज्यान बचाबाऊँ मारबो चोखो ह के?”
जिऊँ बो च्यानणो मोत की छाया म सोबाळा अर अँधकार म जिबाळा प चमकसी अर आपानै स्यांती म लेज्यासी।”
गरीब तो थारै सागै सदाई रेह्सी। थे जद चाओ बाको भलो कर सको हो, पण म थारै सागै सदाई कोनी रेहस्युं।
क्युं क धरम्या प परबु की नजर रेह्वै ह, अर बाका कान बाकी अरदास सुणबा म लाग्या रेह्वै, पण परबु बुराई करबाळा क खिलाप रेह्वै ह।”