पण अ मिनख तो जखी बाता क बारां म जाणैई कोनी बाकै बारां म भावै जंय्यां बोलीं हीं। अ तो बिना समज का ज्यानबरा की जंय्यां हीं, जणाई बिना सोच्या समज्या भाऊँ बंय्यां करीं हीं। आ बुरी बाता की बजेऊँ बाको नास कर दिओ ज्यासी।
पेल्या म मेरा मुंडाऊँ परमेसर की बुराई करबाळो, परमेसर का मिनखानै दिन घालबाळो अर एक अँधेर करबाळो मिनख हो। इकै पाछै बी मेर प दया होई। क्युं क म एक परमेसर म बिस्वास नइ करबाळा की जंय्यां अणभोळ म अ सगळा काम कर्यो हो।