क्युं क थे नयो जीवन पाया हो। अर थारो ओ नयो जीवन मिनखऊँ कोनी आयो जिको अंत होवै ह। पण थारो ओ जीवन परमेसरऊँ आयो ह, जिको कोई अंत कोनी। क्युं क थे परमेसर का बचन प बिस्वास कर्या, जखो सदा-सदाई बण्यो रेह्वै ह।
आपानै कैन की जंय्यां कोनी बणणो ह जखो सेतान को हो, जखो आपका भाईड़ानै मार गेर्यो ह। अर बो अंय्यां इ ताँई कर्यो क्युं क बिका खुदका काम तो बुरा हा पण बिका भाई का काम धरम का हा।
थे मेर म बण्या रेह्ओ, जणा म बी थारै म बण्यो रेहस्युं। एक डाळी खुदऊँ कोनी फळ सकै, फळबा ताँई बिनै बोजा म लाग्यो रेह्णो पड़ै ह। अंय्यांई थे मेरै बिना कोनी फळ सको।