12 परमेसरनै कोईबी कदैई कोनी देख्यो, पण ज आपा एक दुसराऊँ प्यार-परेम करां जणा परमेसर आपणा म बास करै ह अर बिको परेम आपणै मांयनै पूरी तर्या ह।
परमेसरनै कदैई कोई कोनी देख्यो। पण परमेसर को इकलोतो बेटो जखो परमेसर की छाती तळै ह, अर बो परमेसरई ह। बोई परमेसरनै परगट कर्यो।
पण जखोबी मिनख परमेसर को खयो करै ह, जणा बिकै मांयनै परमेसर को परेम सचमई बास करै ह। क्युं क ओई एक गेलो ह जिऊँ आपा परमेसर म मजबूत बण्या रेह सकां हां।
बो एकलोई अजर-अमर ह! बो बि च्यानणा म बास करै ह जिकनै कोई कोनी पुग सकै। नइ कोई बिनै कदै देख्यो ह! अर नइ कोई कदै देख सकै। बिको मान-समान अर राज जुग-जुग होतो रेह्वै! अंय्यांई होवै।
अर ज आपा खेवां क, “म्हानै परमेसरऊँ परेम ह।” पण मेरा भाईऊँ नफरत ह जणा आपा झूठा हां, क्युं क जि पाड़ोसी भाईड़ानै आपा देखां हां बिऊँई परेम कोनी करां, जणा बि परमेसरऊँ जिनै कदै देख्याई कोनी कंय्यां परेम कर सकां हां?
अर जखोबी मिनख परमेसर का हुकमानै मानै ह, बिकै मांयनै परमेसर को बास रेह्वै ह अर बो मिनख परमेसर म बण्यो रेह्वै ह। अर पबितर आत्मा की बजेऊँई जखी आपानै दि गई, आ जाण ज्यावां हां क आपणै मांयनै परमेसर को बास ह।
पण आपा परमेसर का हां अर जखो बी परमेसरनै जाणै ह बो आपणी बाता सुणै ह। पण जखो परमेसर को कोनी बो आपणी कोनी सुणै। अर इ बातऊँ आपा आ जाण सकां हां क, कूणसी आत्मा सच की ह अर कूणसी आत्मा भंगराबाळी ह।
अर इब सदाई राज करबाळो राजा, अनदेख्यो, अमर अर बस बि एकई परमेसर को मान अर गुणगान जुग-जुग होतो रेह्वै। अंय्यांई होवै।
बिस्वास करबा की बजेऊँई बो राजा की झाळ को डर कोनी मान्यो अर बो मिसरनै छोड दिओ। बो सक्यु सेण करग्यो क्युं क बो अंय्यां को भिवार कर्यो मानो नइ दिखबाळा परमेसरनै देख लिओ हो।
पण इब बिस्वास, आस, अर परेम अ तीन्युई टळै कोनी पण आ सगळा म बडो परेम ह।
जंय्यां को परेम परमेसर आपाऊँ करै ह बिनै आपा जाणा हां अर आपा बिपै बिस्वास बी करां हां। परमेसर परेम ह, अर जखो बी मिनख परेम करै ह बो परमेसर म बण्यो रेह्वै ह अर परमेसर बिमै बास करै ह।