पण डरपोक, परमेसर म बिस्वास नइ करबाळा, भरस्ट, हत्यारा, कुकरमी, जादू-टोणा करबाळा, मूरती धोकबाळा अर झूठा मिनखानै तिजाब हाळा नरक का भबकती आग का कूंड म गेर्यो जासी। आई दुसरी मोत ह।”
पण ज मेरा दियड़ा पाणी मऊँ कोई पिसी जणा बो ओज्यु कदैई कोनी तिसायो होसी। बि पाणीऊँ जखो म बानै देस्युँ, बिऊँ बे अजर-अमर जीवन ताँई जीवन देबाळा पाणी को झरनो बणज्यासी।”
क्युं क थे नयो जीवन पाया हो। अर थारो ओ नयो जीवन मिनखऊँ कोनी आयो जिको अंत होवै ह। पण थारो ओ जीवन परमेसरऊँ आयो ह, जिको कोई अंत कोनी। क्युं क थे परमेसर का बचन प बिस्वास कर्या, जखो सदा-सदाई बण्यो रेह्वै ह।