क्युं क काया की बुरी इंछ्या पबितर आत्मा क खिलाप मो राखै अर पबितर आत्मा काया की बुरी इंछ्या क खिलाप मो राखै ह। अर अ दोन्युई एक दुसरा क खिलाप म हीं। जणाई तो थे जोक्यु करबो चाओ हो बो कोनी कर सको।
साचली तो आ ह क आपा सगळा बी बाकी जंय्यांई पेल्या बुरी इंछ्या गेल दिन काटर्या हा जखी काया अर मन की इंछ्या होती बिनैई करर्या हा। अर आ सगळा की जंय्यांई आपा बी परमेसर का परकोपनै भोगबा जोगा हा।