“कोईबी मिनख एक सागै दो मालिका की सेवा कोनी कर सकै। क्युं क बो एकऊँ तो परेम राखसी अर दुसराऊँ नफरत करसी, एकऊँ तो बफादार रेह्सी दुसरानै छोटो जाणसी। अंय्यांई थे परमेसर अर धन की सेवा एक सागै कोनी कर सको।
कोईबी नोकर दो मालिका की सेवा एक सागै कोनी कर सकै, अंय्यां होसी तो एकऊँ तो बेर राखसी अर दुसराऊँ परेम, बो एक क सागै तो बफादार रेह्सी अर दुसरानै छोटो जाणसी। अंय्यांई थे परमेसर अर धन की सेवा एक सागै कोनी कर सको।”
अर गेलड़ा दिना म थे इ जगत का कूगेला प चालता हा, अर सगळी सूगली ओपरी बलाया का राजा को कह्यो कर्या करता हा, आ आत्मा बा मिनखा प हक जमावै ह जखा परमेसर का हुकमानै कोनी मानै।