4 अर म्हें थानै अ बाता इ ताँई मांडां हां क आपणो राजी होबो पूरो होज्या।
म आ बात थारूँ इ ताँई बोल्यो, क मेरी खुसी थानै मिलै, अर थे सची खुसीऊँ भरपूर होज्याओ।
हाल ताँई थे मेरा नामऊँ क्युंई कोनी माँग्या। माँगो थानै मिलसी जिऊँ थे राजी-खुसी रेह्वो।
थानै मांडबा ताँई तो मेरै कनै ओर बी बोळो क्युं ह, पण म बानै कागद प स्याईऊँ मांडबो कोनी चाऊँ। इकै बदलै म आ आस करूं हूँ क म थारै कनै आर आमै-सामै बतळाऊँ जिऊँ क आपा राजी होवां।
अर इको ओ मतबल कोनी क म्हें थारा मालिक हां जखा थानै खेवां क थारो बिस्वास कंय्यां को होवै। पण म्हें तो थारी खुसी ताँई थारै सागै काम करां हां, क्युं क थे बिस्वास म मजबूत हो।
अर मसी का बि प्यार-परेमनै जाण सको जखो सगळी समजऊँ नाकै ह। अर थे परमेसर का सुभाव म भर्यापूरा होज्याओ।
बिंद बोई ह जिकै बिनणी ह। पण बिंद को भाईलो जखो खड़्यो होर बिकी सुणै ह, बो जद बिंद बोलै जणा बिकी उवाज सुणर राजी होज्यावै ह। ठिक बंय्यांई म बी राजी होयो।
ओ मेरा टाबरो, म थानै अ बाता इ ताँई मांडूँ हूँ क, थे पाप नइ करो। पण ज कोई मिनख पाप करै ह बिका पाप धोबा ताँई धरमी ईसु मसी आपणै अर परम-पिता क बिचमै बकिल ह जखो आपणानै परमेसर क सामै सई बणावै ह।