8 अर बो परसाद आपानै परमेसर क कनै लेर कोनी जावै। इ ताँई ज आपा परसाद ना खावां जणा आपणो क्युंई कोनी घटै अर ज खावै जणा क्युंई बढै कोनी।
क्युं क परमेसर को राज खाबो-पीबो कोनी पण बो तो धारमिक्ता, स्यांती अर पबितर आत्माऊँ मिलबाळो सुक ह।
भात-भात की अणजाणी सीख की भंगर्या म मना आज्यो, क्युं क थारा हिया ताँई ओ चोखो ह क बे खाबा-पीबा का नियमा क बजाय दया की बजेऊँ मजबूत बणै। अर जखा खाबा-पीबा का नियमानै मान्या बाऊँ बाको कदैई भलो कोनी होयो।
खेबत म आवै ह क, “रोटी पेट ताँई अर पेट रोटी ताँई होवै ह” पण परमेसर आ दोन्यानैई नास कर देसी। अर आपणी काया कुकरम करबा ताँई कोनी पण परबु की सेवा करबा ताँई ह। अर काया ताँई परबु बंदोबस्त करै ह।
बो बानै बाकी उजमा गेल पिसा दिआ। एकनै चाँदी हाळा सीक्काऊँ भरेड़ी पाच थेली, दुसरानै दो अर तीसरानै एक देर दिसावर चलेगो।