थे मोट्यार लूगाई एक दुसरा की इंछ्या मना मारज्यो। पण आपसरी म बतळार क्युंक देर ताँई इनै टाळ सको हो जिऊँ थारै अरदास करबा म दिकत नइ होवै, अर इकै पाछै थे ओज्यु एक सागै रह्यो; क्युं क कदै अंय्यां नइ हो क खुदनै बस म राखबा की कमी को फाईदो उठार सेतान थानै बिचासै।