पण डरपोक, परमेसर म बिस्वास नइ करबाळा, भरस्ट, हत्यारा, कुकरमी, जादू-टोणा करबाळा, मूरती धोकबाळा अर झूठा मिनखानै तिजाब हाळा नरक का भबकती आग का कूंड म गेर्यो जासी। आई दुसरी मोत ह।”
के थे पक्काई कोनी जाणो क बुराई करबाळा मिनख परमेसर का राज का वारिस कोनी होसी? बावळा मना बणो! गंदा काम करबाळा, मूरतीपुजा करबाळा, कुकरमी, लुच्चा काम करबाळा अर लुच्चा-लफंगा,
पण मेरो अंय्यां मांडबा को ओ मतबल ह क थे अंय्यां का मिनखाऊँ नातो मना राखज्यो जखा देख दिखाई का बिस्वासी भाई बणी हीं पण बे कुकरमी, लालची, मूरतीपुजबाळा, गाळीगळोच करबाळा, पियाचरी करबाळा अर ठग हीं। अंय्यां का मिनखा क सागै उठा-बेठी मना राखज्यो।
मेरो थानै चिठी मांडबा को मकसद ओ बताबो कोनी हो क कूण गळती करी ही नहिस किकै खिलाप करी। पण ओ हो क परमेसर क सामै खुद देख सको क थे म्हारै बेई कत्ताक बफादार हो।