11 क्युं क परमेसर ईसु मसीनै एकलोती निम की जंय्यां पेलीई धर दिओ ह, अर बिकी झघा कोई दुसरी निम कोनी धरी जा सकै।
जंय्यां एक हेली निम प चिणी जावै ह, बंय्यांई थे परमेसर का भेजेड़ा चेला अर बिकी खेबाळा मिनखा की सीख की निम प सेलाणी हो। जिकै कूणा का सिरा को भाठो खुद मसी ईसुई ह।
पण परमेसर की पक्की निम हालै कोनी, जिपै आ छाप लागरी ह, “परबु खुदका मिनखानै जाणै ह,” अर, “जखो कोई परबु को नाम लेवै ह बिनै चाए क बो बुरा करमाऊँ बच्यो रेह्वै।”
म तेरूँ आबी बोलुँ हूँ तू पतरस ह जिको मतबल ढाड होवै ह। तू निम की जंय्यां होसी जिपै म मेरी बिस्वासी मंडळी बणास्युं अर इपै पताळ को जोर कोनी चालसी।
परमेसर की दयाऊँ म एक चोखा चेजारा की जंय्यां निम धरी ह। अर बिपै ईमारत दुसरो बणार्यो ह। पण सगळानै ओ ध्यान राखबो चाए की बो बिपै कंय्यांको काम करर्यो ह।
ज कोई बि निम प सोना, चाँदी, हिरा-मोती, लकड़ी, घास अर फुसनै काम लेर ईमारत बणावै,
इ ताँई, थे ईसु मसीनै ओर सूल जाणबा ताँई बिमै बण्या रेह्ओ। क्युं क मसी जीवता भाठा की जंय्यां ह। ओ बो भाठो ह जिपै मकान टिक्यो रेह्वै ह, इकै वावजुद बी मिनख बिकी कदर कोनी करीं। पण सच तो ओ ह क, बो परमेसर को टाळेड़ो हो, जिको मोलई कोनी लगायो जा सकै।