4 मेरो बोलबो, अर हेलो पाड़बो मिनख की बुदी गेल बडा-बडा बोलऊँ कोनी हो पण पबितर आत्मा की सक्ति का पुक्ता सबूत म हो,
क्युं क परमेसर को राज बाता कोई कोनी पण परमेसर की सक्तिऊँ ह।
क्युं क ओ चोखो समचार थारै कनै बोली रूप मई कोनी पुग्यो पण सक्ति, पबितर आत्मा अर इकै सच की पुक्ताई क सागै पुग्यो ह। जंय्यां थे जाणोई हो क, म्हें थारा भला ताँई थारै मांयनै कंय्यां जिया।
क्युं क मसी मनै बतिस्मो देबा ताँई नइ, पण बिना मिनख बुदी की मिलावट क चोखा समचार सुणाबा ताँई भेज्यो ह। जिऊँ मसी को सुळी भोगबो बेकार नइ जावै।
मेरा लाडला बिस्वास्यो, जद म थारै कनै परमेसर का भेदा को सच परचार करबा आयो हो जणा म नइ तो बडी-बडी बाता करी अर नइ कोई बडी सीख लगाई।
अचरज, सक्तिसाली सेलाणी अर परमेसर की पबितर आत्मा की सक्तिऊँ मेरै जरिए पूरी कर्यो। जिऊँ म यरूसलेमऊँ लेर इलेरीकुम क च्यारूमेर मसी का चोखा समचार को हेलो पाड़बा को काम पूरो कर्यो।
म्हें थानै आपणा परबु ईसु मसी की सक्ति क बारां म अर बिकै ओज्यु आबा क बारां म जखो समचार सुणाया हां, बा कोई मन घड़त क्हाणी कोनी ही, पण म्हें खुद बिकी मेमानै म्हारी आँख्याऊँ देख्या हां।
जणा म्हें मिनखा की बुदीऊँ सीखाया गेल कोनी बोलां पण पबितर आत्मा क सीखाया गेल बोलां हां। जंय्यां की म्हें आत्मिक सचनै जाकै कनै पबितर आत्मा ह बानै बतावां हां।
अंय्यां म इ ताँई बोलुँ हूँ क कोई थानै आपकी मिठी-मिठी बाताऊँ धोको नइ दे सकै।
क्युं क अ मिनख बा मिनखानै जखा पेल्या भटकेड़ा हा पण इबारई सई गेला प आया हीं, बाऊँ गुमान हाळी बाता कर बाकी बुरी इंछ्यानै जगावीं हीं। अर बानै गेलो भटकावै ह।
पण बानै ओबी बतायो गयो क, बे खुदकी नइ पण थारी सेवा ताँई अ बाता बोल्या हीं। बे थारै ताँई ईस्बर नगरीऊँ आईड़ी पबितर आत्मा की सक्तिऊँ चोखा समचार को हेलो पाड़्या। जदकी आ बातानै जाणबा ताँई ईस्बर नगरी दुत बी तरसीं हीं, पण इकै वावजुद बी अ बाता बस थारै ताँई परचार करी गई।
के म मिनखाऊँ मंजुरी लेबो चाऊँ? मनै इकी जुर्त कोनी! जिकी मनै जुर्त ह बा परमेसर की मंजुरी ह! म मिनखानै राजी करबो कोनी चाऊँ ज म अंय्यां करबो चाऊँ जणा म मसी को सेवक कोनी।
क्युं क अंय्यां का मिनख आपणा परबु मसी की नइ पण आपकी इंछ्या की सेवा करीं हीं। अर अ आपकी मिठी-मिठी अर चापलुसी की बाताऊँ भोळा-भाळा मिनखा को हियो छळी हीं।
क्युं क म परमेसर की सगळी इंछ्या थानै बता दिओ हूँ।
अगरीपा पोलुसऊँ बोल्यो, “तू के जाणै ह मनै थोड़ासा टेम म मसी को चेलो बणा लेसी?”
थारै बिस्वास गेल थानै आस देबाळो परमेसर थानै सुक-स्यांती अर खुसीऊँ भर देवै। जिऊँ पबितर आत्मा की सक्तिऊँ थारी आस बढती जावै।
म्हारी खराई, ज्ञान, थ्यावस, दया, सचो परेम, सच का समचार, पबितर आत्मा,