7 क्युं क म आ कोनी चाऊँ क चालतोसो थारूँ मिलूँ; पण मनै आस ह अर ज परबु चायो तो म क्युंक दिन थारै कनैई रेहस्युं।
अर बो बाऊँ बिदा होर बोल्यो, “परमेसर चायो तो आपा ओज्यु मिलस्यां।” आ खेर बो इफिसुस छोडर पाणी का झाजऊँ कैसरिया गयो अर बठैऊँ यरूसलेम जार बठै की बिस्वासी मंडळीऊँ नमस्कार कर अंताकीया गयो।
पण इकै बदलै थानै तो अंय्यां बोलबो चाए क, “ज परबु चायो तो आपा जिस्यां अर ओ करस्यां नहिस बो करस्यां।”
ज परबु चायो तो म पक्कोई थारै कनै आस्युं। जणा म आ गुमान म फुलेड़ा मिनखा की बातानैई कोनी पण आकी ताकतनै बि देखलेस्युँ।
अर इ भरोसा की बजेऊँई म थारै कनै दो बर आबा की मन म करी जिऊँ थानै दो बर आसिरबाद पाबा को मोको मिल सकै।
म सदाई अरदास कर माँगर्यो हूँ क परमेसर की इंछ्याऊँ म थारूँ मिलबा ताँई आ सकूँ।
ईसु बिनै अंय्यां ओडायो, “इब तो अंय्यांई होबा दे, क्युं क जखी परमेसर चावै ह बोई आपानै करनो ह।” जणा बो बिकी बात मान लिनी।