2 क्युं क थे खुदई जाणो हो क जद थे परमेसरनै नइ ध्यारबाळा हा जणा बिना जीव की मूरत्यानै धोक्या करता हा अर बाकीई लीक पिट्या करता हा।
थे बिस्वास म आबाऊँ पेली परमेसरनै नइ ध्यारबाळा मिनखा की जंय्यां खूब जीवन जीआ हो। थे कुकरमी हा, अर थे थारी बुरी इंछ्या गेल चालता हा। थे दारू म धुत्त, मेफलबाज्या अर उदफेली म लाग्या रेह्ता हा। अठै ताँई क थे सूगली मूरतानै पूजता हा।
क्युं क बठै का मिनख खुदई बतावै ह क कंय्यां म्हें थारै कनै आया अर कंय्यां थे मूरत्यानै छोडर जीवता अर सचा परमेसर की सेवा करबा ताँई मुड़्या।
पेल्या थे परमेसरनै कोनी जाणता हा, थे बाका दास हा जखा सच म परमेसर कोनी हा।
अर थारै म बी पेल्या क्युंक मिनख अंय्यां का हा, पण इब थानै परबु ईसु मसी अर परमेसर की पबितर आत्मा क जरिए पापऊँ धोर पबितर कर परमेसर क सागै सई होबा ताँई परमेसरनै सूप दिओ गयो ह।
क्युं क थे जाणो हो क, थारो बेकार चाल-चलन जखो थारै बडकाऊँ चालतो आर्यो ह, बिऊँ थारो छुटकारो, सोना-चाँदी जंय्यांकी नास होबाळी चिजाऊँ कोनी होयो।
क्युं क मसीनै मानबाऊँ पेली आपा बी बेबुदी का, खयो नइ मानबाळा, भटकेड़ा अर हरतर्या की मो-माया का गुलाम हा। आपणो जीवन बुराई अर बळोकड़ा पुणाऊँ भरेड़ो हो। अर आपा एक दुसराऊँ नफरत करता हा।
बाकी बातई मना करो क्युं क बे आँदा मिनखा का नेता बण्या फिरै ह। अर ज आँदो आँदानै गेलो दिखावै जणा बे दोन्यु खाडा म जा पड़ै।”