1 मेरा लाडला बिस्वास्यो, म ओ कोनी चाऊँ क थे आत्मिक बरदाना क बारां म नइ जाणो।
ज कोई खुदनै परमेसर की खेबाळो समजै ह अर बिकन आत्मिक बरदान बी होवै जणा बिनै आ जाण लेणो चाए क म थानै जोक्यु बी मांड्यो ह ओ परबु को हुकम ह।
बोई क्युंकनै तो भेजबा ताँई भेजेड़ा चेला बणार, क्युंकनै परमेसर की खेबाळा बणार, क्युंकनै चोखा समचार को हेलो पाड़बा ताँई, क्युंकनै बिस्वास्या की बिस्वासी मंडळी की रूखाळी करबाळा अर परमेसर की सीख देबाळा बणार टाळ लिआ।
पण मेरा लाडलो, थे इ बातनै मना भूलज्यो, क परबु की नजर्या म एक दिन झार बरस जंय्यां अर झार बरस एक दिन की जंय्यां ह।
मेरा लाडला बिस्वास्यो, म्हें चावां हां क थे मरेड़ा क ओज्यु जी उठबा का सचनै जाणो, जिऊँ थे बिस्वास नइ करबाळा मिनखा की जंय्यां थारा बिस्वासी मरेड़ा मिनखा ताँई बेआस होर दुखी नइ होवो।
क्युं क मेरा लाडला बिस्वास्यो, म्हें आ चावां हां क जखी पिड़ा म्हें एसिया म भोगी बिकै बारां म थे जाणो। बठै म्हें म्हारी सेवाऊँ बी बेत्ती पिड़ा भोगी। अठै ताँई क मरबा की बी नोबत आगी ही।
मेरा लाडला बिस्वास्यो, म ओ चाऊँ हूँ क थे ओ जाणल्यो की आपणा बडका जखा मूसा की मान्या करता हा बे परबु का बादळ की छाया म लाल समदर क पार राजी-खुसी गया हा।
मेरा लाडला बिस्वासी भाईड़ो, म चाऊँ हूँ थे इनै जाणो क म बोळी बार थारै कनै आबा की सोची क थारै म बाकी का दुसरा गैर-यहूदि मिनखा की जंय्यां फळ पा सकूँ पण हर बर क्युंना क्युं अंय्यां होयो क म कोनी आ सक्यो।