पण ज मेरा दियड़ा पाणी मऊँ कोई पिसी जणा बो ओज्यु कदैई कोनी तिसायो होसी। बि पाणीऊँ जखो म बानै देस्युँ, बिऊँ बे अजर-अमर जीवन ताँई जीवन देबाळा पाणी को झरनो बणज्यासी।”
ईसु जुबाब म बोल्यो, “ज तू परमेसर का बरदाननै जाणती अर आबी क, ‘जखो तेरूँ पीबा ताँई पाणी माँगर्यो ह बो कूण ह, जणा तू बिऊँ माँगती अर बो तनै जीवन देबाळो पाणी देतो।’”
नेम-कायदा तो आबाळी चोखी बाता की छाया ह। पण ओ बाको असली रूप कोनी ह। इ ताँई चढावा की चिजानै चढावा क रूप म हर बरस चढायो जातो हो जखी परमेसर क कनै आबाळा मिनखानै कदैई सिद कोनी कर सकै।