12 इ ताँई जखो अंय्यां सोचै क, “म बिस्वास म मजबूत हूँ,” बो ध्यानऊँ रेह्वै क कदै अंय्यां नइ होज्या क बो बिस्वासऊँ गुड़ जावै।
आ बात सची ह क बे बाका भेम की बजेऊँ तोड़ी गई पण थे थारा बिस्वास का बूता प टिकर्या हो। जणा इको गुमान मना करो पण डरता रेह्वो।
ओ लाडलो, थे पेल्याऊँई आ बातानै जाणर चेता म रेह्ओ, जिऊँ थे बुराई करबाळा की बाता म आर थारी मजबूतिनै नइ खो द्यो।
अर ज कोई खेवै क बो क्युं जाणै अर जिकै बारां म बिनै जाणबो चाए बिकै बारां म कोनी जाणै जणा बो क्युंई कोनी जाण्यो।
इ ताँई चेता म रेह्ओ जिकनै ह बिनै ओर दिओ ज्यासी अर जिकनै कोनी बिऊँ जोक्यु ह बो बी ले लिओ जासी।”
सचमई मसी ईसु जखो मिनख बणर आयो बिमै परमेसर को सगळो सुभाव भरपूरी क सागै बास करै ह। इ ताँई थे बेमतबल की जिरै-बाजीऊँ समळर रेह्ओ कदै कोई थानै आको गुलाम नइ बणाले क्युं क अ मसी कानिऊँ नइ पण मिनखा का रिती-रिवाजा अर जगत प राज करबाळी आत्मा कानिऊँ आवै ह।