जणा म ईस्बर नगरीनै खुली देख्यो अर म बठै एक धोळो घोड़ो देख्यो, अर बिका सवारनै बिस्वास जोगा अर सच का नामाऊँ बुलायो जार्यो हो। बो सचाई क सागै न्याय अर युद करतो हो।
अर इब म खुद जिंदो कोनी हूँ, पण मसी मेरै म जीवै ह। अर ज म काया म जिंदो हूँ तो बस बि बिस्वासऊँ जिंदो हूँ जखो परमेसर का बेटा प ह, जखो मेरूँ परेम कर्यो अर मेरै ताँई खुदनै दे दिओ।
ओ परम-पिताजी, म चाऊँ हूँ क बा सगळा म एको होवै, ठिक बंय्यांई जंय्यां म थारै म ओर थे मेर म हो। बे बी आपणा म एक होवीं जिऊँ क इ जगत का मिनख बिस्वास करै क थे मनै भेज्या हो।
ओ भेद ओ ह क मसी का चोखा समचारनै मानबा की बजेऊँ गैर-यहूदि मिनख यहूदि मिनखा क सागै बापोती का हिस्सेदार होर, परमेसर का आसिरबाद म सामिल होगा; अर एकई काया का अंग अर मसी ईसु म करेड़ा बादा का हिस्सेदार होगा।
ईस्बर नगरी का बुलावा म पाँतीवाळ ओ मेरा पबितर बिस्वासी भाईड़ो, थे थारो ध्यान बि परमेसर का भेजेड़ा ईसु प जखो म्हायाजक ह अर जिनै म्हें माना हां बिपै लगाओ।
इ ताँई बिनै हर बात म मिनखा जंय्यां को बणायो गयो, जिऊँ बो परमेसर की सेवा करबा ताँई दया करबाळो अर बिस्वास जोगो म्हायाजक बणै। अर मिनखा को परमेसरऊँ ओज्यु मेळ कराबा ताँई बलि होवै।
पण ज पाळेड़ा जेतून का दरख्त की क्युंक डाळ्यां तोड़र फेक दि जावै, अर एक जंगली जेतून की डाळीनै बिपै कलम चढा दिओ जावै, जणा थे गैर-यहूदि जखा पाळेड़ा दरख्त प कलम चढाईड़ी डाळ्यां की जंय्यां हो जेतून की जड़्या का पोसण का साती हो।