7 जणाई थे आपणा परबु ईसु मसी क परगट होबानै उडिकर्या हो अर इ ताँई थानै ख्याई आत्मिक बाता की कमी कोनी।
पण आपा तो ईस्बर नगरी का रेह्बाळा हां, अर आपणानै बचाबाळा परबु ईसु मसी की जखो ईस्बर नगरीऊँ आबाळो ह आस लगार बाट उडिकर्या हां।
अर थानै परमेसर का न्याय का दिननै उडिकबो चाए। बो दिन तावळो आवै इकी थानै कोसिस करबो चाए। बि दिन आसमान आगऊँ बळ ज्यासी अर बाकी की चिजा पिघळ ज्यासी।
बंय्यांई मसी बी बोळा मिनखा का पापनै धोबा ताँई एकर बलिदान होयो; अर मसी बा मिनखा ताँई जखा बिनै उडिकै ह बाका पाप धोबा ताँई नइ पण बाका छुटकारा ताँई दुसरकै परगट होसी।
आपणा परबु ईसु मसी की दयानै उडिकता रेह्ओ, जखो थानै अजर-अमर जीवन देसी। अंय्यां कर थे खुदनै परमेसर का परेम म बचार राखस्यो।
ओ लाडलो, इब आपा परमेसर का टाबर हां, पण आबाळा टेम म आपा काँई होस्यां इकै बारां म आपानै ज्ञान कोनी करायो गयो ह। पण चाए जखोबी हो आपा आ जाणा हां क जद मसी ओज्यु परगट होसी जणा आपा बिकै जंय्यां का होज्यास्यां, क्युं क जंय्यां बो ह बंय्यांई बिनै आपा देखस्यां।
पण राजी होवो क थानै मसी की जंय्यां दुख भोगबा को मोको मिल्यो। आ बात थानै बि बडी खुसी ताँई त्यार करसी जखी मसी जि दिन आपकी मेमा क सागै आसी जणा होसी।
अर आपा जखी भागहाळी आस राखां हां बिकै पूरो होबानै उडिकां हां, जद आपणो म्हान परमेसर अर छुटकारो देबाळो ईसु मसी मेमा म परगट होसी।
क्युं क आ सरस्टि बोळी आसऊँ बि टेमनै उडिकरी ह जद परमेसर आपकी ओलादनै परगट करसी।
बि दिन बी अंय्यां होसी जि दिन मिनख को बेटो परगट होसी।
क्युं क जद बो रूखाळो मसी जखो सकै उपर परधान ह परगट होसी, जणा थानै मेमा को मुकट मिलसी अर इ मुकट की रंगत कदैई कोनी जावै।
इ ताँई थारी बुदीनै काम म ल्यो, खुदनै बस म राखो अर बि दया की आस राखो जखी थानै ईसु मसी क परगट होबा की टेम मिलसी।
अर इब ईस्बर नगरी म जीत को इनाम मनै उडिकर्यो ह, जिनै धरमी न्यायी परबु आखरी दिन मनै देसी। मनै एकलानैई नइ पण बा सगळानै बी जखा परेम क सागै बिकै परगट होबानै उडिकीं हीं।
अर थे जखा कळेस भोगो हो थानै बो म्हारै सागै सुक-स्यांती देसी। आ बात बि दिन होसी जद परबु ईसु मसी आपका ईस्बर नगरी दुता क सागै भबकती आग म ईस्बर नगरीऊँ आसी,
अर बिकाळा बेटा ईसु मसीनै ईस्बर नगरी मऊँ ओज्यु आबानै उडिको हो, जिनै बो मरेड़ा मऊँ ओज्यु जीवायो हो, अर बोई आपानै परमेसर का आबाळा परकोपऊँ बचा सकै ह।
जणा सई टेम आबाऊँ पेली कोईबी बात को न्याय मना करो। परबु क आबा का टेमऊँ पेली आखरी न्याय कोनी होवै। बो अँधेरा म लुखेड़ी बातानै च्यानणा म ल्यासी अर चित का बिचारानै परगट करसी बी टेमई हरेक की बडाई परमेसर कानिऊँ होसी।
अर थे बा दासा की जंय्यां इनै उडिकता रेह्ओ क बाको मालिक ब्या मऊँ के बेरो कद आर कुआड़ बजावै। अर बे जदई बि ताँई कुआड़ खोल दे।”
“बि टेम ईस्बर नगरी को राज अंय्यां होसी मानो दस कुंआरी छोर्या आपको दिओ लेर बिंदऊँ मिलबा ताँई चाली।
थे कूणसी बात म दुसरी बिस्वासी मंडळ्याऊँ न्यारा हो? खाली इकै क म मेरो बोज थारै उपर कोनी लाद्यो। मनै इ काम ताँई थे माफई करो।
आ सरस्टिई नइ पण आपा बी जानै पबितर आत्मा को पेलो फळ मिल्यो हो, मांय-मांय घुटता रिह्या हां। क्युं क आपा इ बातनै उडिकर्या हां क बो आपानै आपकी ओलाद की जंय्यां अपणावै अर काया को छुटकारो होज्यावै।
पण आपा पबितर आत्मा का दियड़ा बिस्वास की बजेऊँ परमेसर क सामै जीबा की आस देखां हां।