29 जिऊँ कोईबी मिनख परमेसर क सामै गुमान कोनी कर सकै।
जणा पाछै गुमान काँई बात को? बि ताँई तो झघाई कोनी। कूणसा नेम-कायदा की बजेऊँ? करमाऊँ? नइ, आऊँ नइ पण बिस्वासऊँ।
थानै दुसराऊँ चोखो कूण बणायो? जोक्यु थारै कनै ह के बो थानै परमेसर कोनी दिओ? जणा थे ओ गुमान क्युं करो जंय्यां थे खिकन क्युं लेयड़ाई कोनी?
जंय्यां की पबितर सास्तर म मंडेड़ो ह: “ज कोई मिनख गुमान करबो चावै बो परबु क बारां म गुमान करै।”
इ ताँई मसी ईसु की बजेऊँ परमेसर की सेवा करबा म, मनै गुमान ह।
आपा जाणा हां क नेम-कायदा म मंडेड़ो बि ताँई ह जखो बिकै बस म ह। जिऊँ हरेक मुंडानै बंद कर्यो जा सकै अर सगळा को सगळो जगत परमेसर का दंड को भागी होवै।
थारो गुमान करबो चोखो कोनी ह। अर थे आ खेबत तो सुण्याई हो क, “चिनोसोक खमिर सगळा गुंदेड़ा आटानै खमिर बणा देवै ह।”
क्युं क ज अब्राहमनै बिका कामा की बजेऊँ धरमी गिण्यो जातो, जणा आतो बि ताँई गुमान करबा की बात ही, पण परमेसर क सामै नइ।