हुँकार मुहेमेसे एकथो चोखुर तरवाल निकर्लिन, जिहिसे उ सक्कु जाति-जातिनहे हरादिहीँ। ऊ एकथो लोहक बर्छीलेके सक्कु मनैनके उप्पर राज करहीँ। और जे हुँकार अधिकारहे स्वीकार नै करी, ऊ ओइन्हे पूरा रुपमे दण्ड दिहीँ। ऊ सर्वशक्तिमान परमेश्वरके डरलग्तिक प्रकोपहे ओस्तेहेँके छोरदिहीँ, जसिके एकथो रसकुण्डमेसे अंगुरके रस बहत।