“और मैं दावीद के घराने और येरूशलेम के निवासियों पर कृपा तथा याचना करनेवाली एक आत्मा उंडेलूंगा. वे मेरी ओर ताकेंगे, जिसे उन्होंने बेधा है, और वे उसके लिए वैसा ही विलाप करेंगे, जैसे कोई अपने एकमात्र बच्चे के लिए विलाप करता है, और वे उसके लिये ऐसे शोक मनाएंगे जैसे कोई अपने पहलौठे बेटे की मृत्यु पर शोक मनाता है.
किंतु यदि कुछ शाखाएं तोड़ी गई तथा तुम, जो एक जंगली ज़ैतून हो, उनमें रोपे गए हो तथा उनके साथ ज़ैतून पेड़ की जड़ के अंग होने के कारण पौष्टिक सार के सहभागी बन गए हो
जब तुम्हें उस पेड़ से, जो प्राकृतिक रूप से जंगली ज़ैतून है, काटकर स्वभाव के विरुद्ध फल देनेवाले जैतून के पेड़ में जोड़ा गया है, तब वे शाखाएं, जो प्राकृतिक हैं, अपने ही मूल पेड़ में कितनी सरलतापूर्वक जोड़ ली जाएंगी!