26 इस प्रकार याहवेह अपने दास के वचन को पूरा करता हैं, तथा अपने दूतों की युक्ति को सफल करता है वह मैं ही था, “जिसने येरूशलेम के विषय में यह कहा था कि, ‘येरूशलेम नगर फिर बसाया जाएगा,’ तथा यहूदिया के नगरों के लिए, ‘उनका निर्माण फिर किया जाएगा,’ मैं उनके खंडहरों को ठीक करूंगा,
26 यहोवा अपने सेवकों को लोगों को सन्देश सुनाने के लिए भेजता है और फिर यहोवा उन सन्देशों को सच कर देता है। यहोवा लोगों को क्या करना चाहिये उन्हें यह बताने के लिए दूत भेजता है और फिर यहोवा दिखा देता है कि उनकी सम्मति अच्छी है। यहोवा यरूशलेम से कहता है, “लोग तुझ में आकर फिर बसेंगे!” यहोवा यहूदा के नगरों से कहता है, “तुम्हारा फिर से निर्माण होगा!” यहोवा ध्वस्त हुए नगरों से कहता है, “मैं तुम नगरों को फिर से उठाऊँगा!”
26 और अपने दास के वचन को पूरा करता और अपने दूतों की युक्ति को सफल करता हूं; जो यरूशलेम के विषय कहता है, वह फिर बसाई जाएगी और यहूदा के नगरों के विषय, वे फिर बनाए जाएंगे और मैं उनके खण्डहरों को सुधारूंगा;
26 मैं अपने सेवक के वचन को सच प्रमाणित करता हूं, मैं अपने संदेश-वाहकों के परामर्श को सफल करता हूं। मैं यरूशलेम के विषय में यह कहता हूं, ‘तू फिर आबाद होगा।’ मैंने यहूदा प्रदेश के नगरों के विषय में यह कहा है: ‘इनका पुनर्निर्माण होगा; मैं उनके खण्डहरों को फिर खड़ा करूंगा।’
26 और अपने दास के वचन को पूरा करता और अपने दूतों की युक्ति को सफल करता हूँ; जो यरूशलेम के विषय कहता है, ‘वह फिर बसाई जाएगी’ और यहूदा के नगरों के विषय, ‘वे फिर बनाए जाएँगे, और मैं उनके खण्डहरों को सुधारूँगा,’
26 और अपने दास के वचन को पूरा करता और अपने दूतों की युक्ति को सफल करता हूँ; जो यरूशलेम के विषय कहता है, ‘वह फिर बसाई जाएगी’ और यहूदा के नगरों के विषय, ‘वे फिर बनाए जाएँगे और मैं उनके खण्डहरों को सुधारूँगा,’
पर मेरे वचन और कानून, जो मैंने अपने सेवक भविष्यवक्ताओं को दिये थे, क्या वे तुम्हारे पूर्वजों की मृत्यु के बाद भी बने हुए नहीं हैं? “तब उन्होंने प्रायश्चित किया और कहा, ‘सर्वशक्तिमान याहवेह ने ठीक वही किया है जैसा कि हमारे चालचलन और हमारे कर्मों के कारण हमारे साथ किया जाना चाहिये, जैसा कि उन्होंने करने की ठानी थी.’ ”
“परदेशी लोग तेरी शहरपनाह को उठाएंगे, उनके राजा तेरी सेवा करेंगे. क्योंकि क्रोध में आकर मैंने तुझे दुःख दिया था, परंतु अब तुझसे प्रसन्न होकर दया करूंगा.
“यह याहवेह की वाणी है: “ ‘तुम देखना मैं याकोब के शिविर की समृद्धि को लौटाकर दूंगा, मैं ध्वस्त आवासों के प्रति अनुकम्पा प्रदर्शित करूंगा; उसके खंडहरों पर ही नगर का पुनर्निर्माण होगा, तथा महल अपने यथास्थान पर प्रतिष्ठित किया जाएगा.
उन्होंने मुझे बताया, “वह बचे हुए यहूदी, जो बंधुआई से जीवित बच निकल आये हैं और जो इस समय उस प्रदेश में रह रहे हैं, वे बड़े दर्द में और निंदनीय अवस्था में हैं. येरूशलेम की शहरपनाह टूट चुकी है और उसके प्रवेश फाटक जला दिए जा चुके हैं.”
इस समय पुरोहित, लेवी, द्वारपाल, गायक, कुछ सामान्य प्रजाजन, मंदिर के सेवक, जो सभी इस्राएल वंशज ही थे, अपने-अपने नगरों में रहने लगे. पूरा इस्राएल अपने-अपने नगर में बस चुका था.
मैं तुम पर एक सच प्रकट कर रहा हूं: जब तक आकाश और पृथ्वी अस्तित्व में हैं, पवित्र शास्त्र का एक भी बिंदु या मात्रा गुम न होगी, जब तक सब कुछ नष्ट न हो जाए.
“उस दिन मैं यहूदाह के लोगों को लकड़ी के ढेर में आग का एक भट्ठा जैसे, पूलियों के बीच जलता हुआ एक मशाल जैसे बना दूंगा. वे अपने दाएं तथा बाएं आस-पास के सब लोगों को भस्म कर देंगे, पर येरूशलेम अपने जगह में अडिग बना रहेगा.
और मैं अपने इस्राएली लोगों को बंधुआई से वापस ले आऊंगा. “वे नष्ट हुए नगरों का पुनर्निर्माण करेंगे और उनमें रहने लगेंगे. वे अंगूर की बारियां लगाएंगे और उनकी शराब पिएंगे; वे बगीचा लगाएंगे और उनके फलों को खाएंगे.
“इस बात को जानो और समझ लो: येरूशलेम के फिर से स्थापित और पुनर्निर्माण के लिये वचन के निकलने से लेकर अभिषिक्त जन, शासक के आने तक सात ‘सात’ और बासठ ‘सात’ का समय ठहराया गया है. इसका पुनर्निर्माण गलियों और एक खाई के साथ होगा, किंतु यह कठिन समय में होगा.
“ ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: तुम ही हो, जिससे मैंने पूर्व के दिनों में अपने सेवकों अर्थात् इस्राएल के भविष्यवक्ताओं के द्वारा बात किया. उस समय वे सालों तक भविष्यवाणी करते रहे कि मैं तुम्हें उनके विरुद्ध लाऊंगा.
मैंने राजा को उत्तर दिया, “महाराज आप सदा जीवित रहें. मेरा चेहरा क्यों न उतरे, जब वह नगर, जो मेरे पुरखों की कब्रों का स्थान है, उजाड़ पड़ा हुआ है और उस नगर के फाटक जल चुके हैं.”
तब प्रभु येशु ने उनसे कहा, “तुम्हारे साथ रहते हुए मैंने तुम लोगों से यही कहा था: वह सब पूरा होना ज़रूरी है, जो मेरे विषय में मोशेह की व्यवस्था, भविष्यद्वक्ताओं के लेख तथा भजन की पुस्तकों में लिखा गया है.”
लोग चांदी देकर खेत क्रय कर लेंगे, वे बंधक-पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे तथा उसे आमंत्रित साक्ष्यों को सारे मोहरबन्द कर देंगे. यह सब बिन्यामिन प्रदेश में होगा, येरूशलेम के उपनगरों में होगा यहूदिया के नगरों में होगा, घाटी के नगरों में होगा तथा नेगेव के नगरों में होगा; क्योंकि मैं समृद्धि लौटा दूंगा, यह याहवेह की वाणी है.”
तब मैं पुनः तुम्हारा निर्माण करूंगा, और तुम निर्मित हो जाओगी, कुंवारी इस्राएल तुम पुनः खंजरी उठाओगी तथा उनमें सम्मिलित हो जाओगी, जो आनन्दमग्न हो रहे होंगे.
क्योंकि परमेश्वर ज़ियोन की रक्षा करेंगे; वह यहूदिया प्रदेश के नगरों का पुनःनिर्माण करेंगे. तब प्रभु की प्रजा वहां बस जाएगी और उस क्षेत्र पर अधिकार कर लेगी.
किसी ऊंचे पर्वत पर चले जाओ, हे ज़ियोन, तुम तो शुभ संदेश सुनाते हो. अत्यंत ऊंचे स्वर में घोषणा करो, हे येरूशलेम, तुम जो शुभ संदेश सुनाते हो, बिना डरे हुए ऊंचे शब्द से कहो; यहूदिया के नगरों को बताओ, “देखो ये हैं हमारे परमेश्वर!”
कौन है अंधा, किंतु सिवाय मेरे सेवक के, अथवा कौन है बहरा, सिवाय मेरे उस भेजे हुए दूत के? अंधा कौन है जिसके साथ मैंने वाचा बांधी, अंधा कौन है सिवाय याहवेह का दास?
याहवेह ने कहा: “एक अनुकूल अवसर पर मैं तुम्हें उत्तर दूंगा, तथा उद्धार करने के दिन मैं तुम्हारी सहायता करूंगा; मैं तुम्हें सुरक्षित रखकर लोगों के लिए एक वाचा ठहराऊंगा, ताकि देश को स्थिर करे और उजड़े हुए मीरास को ठीक कर सके,
यह समझ लो कि आज मैंने तुम्हें उन राष्ट्रों तथा राज्यों पर इसलिये नियुक्त किया है कि तुम तोड़ो तथा चूर-चूर करो, नष्ट करो तथा सत्ता पलट दो, निर्माण करो तथा रोपित करो.”
आपने हमारे ऊपर बड़ी विपत्ति लाकर हमारे और हमारे शासकों के विरुद्ध कहे गये वचन को आपने पूरा किया है. आकाश के नीचे सारी पृथ्वी पर ऐसी विपत्ति और कहीं नहीं पड़ी, जैसी विपत्ति येरूशलेम में पड़ी है.
“आगे और घोषणा करो: सर्वशक्तिमान याहवेह का यह कहना है: ‘मेरे नगर फिर समृद्ध होंगे, और याहवेह फिर ज़ियोन को सांत्वना देंगे तथा येरूशलेम को अपना ठहराएंगे.’ ”
यह सुन प्रजा बाहर निकल आई और उन्होंने अरामियों के शिविर को लूट लिया. परिणामस्वरूप, ठीक याहवेह की भविष्यवाणी के अनुसार तीन किलो मैदा चांदी के एक सिक्के में और छः किलो जौ भी चांदी के एक सिक्के में बिकने लगा.
यह ठीक वैसा ही हुआ जैसा परमेश्वर के जन ने राजा के लिए यह भविष्यवाणी की थी, “लगभग इसी समय कल चांदी के एक सिक्के में तीन किलो मैदा और चांदी के एक सिक्के में छः किलो जौ शमरिया के फाटक पर बिकने लगेगा.”
वह भविष्यद्वक्ता, जो शांति कल्याण की भविष्यवाणी करता है और उस भविष्यद्वक्ता की भविष्यवाणी चरितार्थ हो जाती है, तब वही भविष्यद्वक्ता याहवेह द्वारा भेजा गया सही भविष्यद्वक्ता होगा.”