8 जब तुम अंधे पशुओं को बलिदान चढ़ाते हो, तो क्या यह गलत नहीं है? जब तुम लंगड़े या बीमारयुक्त पशुओं को बलिदान करते हो, तो क्या यह गलत नहीं है? ऐसी भेंट अपने राज्यपाल को देने की कोशिश करो! क्या वह तुमसे खुश होगा? क्या वह तुमको स्वीकार करेगा?” सर्वशक्तिमान याहवेह का कहना है.
8 तुम अन्धे जानवर बलि के लिए लाते हो और यह गलत है। तुम बलि के लिए रोगी और विकलांग जानवर लाते हो। यह गलत हैं! तुम अपने शासक को उन रोगी जानवरों को भेंट देने का प्रयत्न करो। क्या वह उन जानवरों को भेंट के रुप में स्वीकार करेगा नहीं! वह उन जानवरों को स्वीकार नहीं करेगा!’ सर्वशक्तिमान यहोवा यह सब कहता है!
8 जब तुम अन्धे पशु को बलि करने के लिये समीप ले आते हो तो क्या यह बुरा नहीं? और जब तुम लंगड़े वा रोगी पशु को ले आते हो, तो क्या यह बुरा नहीं? अपने हाकिम के पास ऐसी भेंट ले आओ; क्या वह तुम से प्रसन्न होगा वा तुम पर अनुग्रह करेगा? सेनाओं के यहोवा का यही वचन है॥
8 ‘जब तुम पशु-बलि में अंधा पशु चढ़ाते हो, तब क्या यह दुष्कर्म नहीं है? जब लंगड़े अथवा रोगी पशु की बलि चढ़ाते हो, तब क्या इसमें कोई बुराई नहीं है? यदि तुम अपने राज्यपाल को ऐसा पशु भेंट करोगे, तो क्या वह तुमसे प्रसन्न होगा, और तुम पर कृपादृष्टि करेगा?’ स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु की यह वाणी है।
8 जब तुम अन्धे पशु को बलि करने के लिये समीप ले आते हो तो क्या यह बुरा नहीं? जब तुम लंगड़े या रोगी पशु को ले आते हो, तो क्या यह बुरा नहीं? अपने हाकिम के पास ऐसी भेंट ले जाओ; क्या वह तुम से प्रसन्न होगा या तुम पर अनुग्रह करेगा? सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।
8 जब तुम अंधे पशु को बलि करने के लिये समीप ले आते हो तो क्या यह बुरा नहीं? और जब तुम लँगड़े या रोगी पशु को ले आते हो, तो क्या यह बुरा नहीं? अपने हाकिम के पास ऐसी भेंट ले जाओ; क्या वह तुम से प्रसन्न होगा या तुम पर अनुग्रह करेगा? सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।
तब अब तुम सात बछड़े तथा सात मेढ़े लो और मेरे सेवक अय्योब के पास जाकर अपने लिए होमबलि अर्पित करो तथा मेरा सेवक अय्योब तुम्हारे लिए प्रार्थना करेगा, क्योंकि मैं उसकी याचना स्वीकार कर लूंगा, कि तुम्हारी मूर्खता के अनुरूप व्यवहार न करूं, क्योंकि तुमने मेरे विषय में वह सब अभिव्यक्त नहीं किया, जो उपयुक्त था जैसा अय्योब ने किया था.”
अपनी इस प्रजा के लिए याहवेह का यह संदेश है: “यद्यपि स्वेच्छानुरूप उन्होंने मुझसे दूर जाना ही उपयुक्त समझा; उन्होंने अपने पांवों पर नियंत्रण न रखा. इसलिये याहवेह भी उन्हें स्वीकार नहीं करना चाहते; इसलिये अब वह उनकी पापिष्ठता को स्मरण कर उनके पापों का लेखा लेंगे.”
यद्यपि वे मुझे भेंट के रूप में बलिदान चढ़ाते हैं, और यद्यपि वे मांस खाते हैं, पर याहवेह उनसे खुश नहीं हैं. अब वह उनके दुष्ट कामों को याद करेंगे और उनके पापों के लिये दंड देंगे: वे मिस्र देश को लौटेंगे.
राजा दारयावेश के शासनकाल के द्वितीय वर्ष के छठवें महीने के पहले दिन शिअलतिएल के पुत्र यहूदिया के राज्यपाल ज़ेरुब्बाबेल, तथा यहोत्सादाक के पुत्र महापुरोहित यहोशू के पास याहवेह का यह वचन हाग्गय भविष्यवक्ता के द्वारा पहुंचा:
“अच्छा होता कि तुममें से कोई मंदिर के दरवाजों को बंद कर देता, ताकि तुम मेरी वेदी पर बेकार की आग न जलाते! मैं तुमसे खुश नहीं हूं,” सर्वशक्तिमान याहवेह का कहना है, “और मैं तुम्हारे हाथ से कोई भेंट स्वीकार न करूंगा.
मगर यदि इसमें किसी प्रकार का दोष हो, जैसे विकलांगता, अंधापन या दूसरा कोई भी स्पष्ट दोष, तो तुम इसे याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के लिए बलि अर्पित नहीं करोगे.