15 तब दलीलाह ने शिमशोन से कहा, “यह कैसे संभव है कि आप मुझसे यह कहें, ‘मुझे तुमसे प्रेम है,’ जब आपका हृदय मेरे प्रति सच्चा ही नहीं है? तीन बार आपने मुझसे छल किया है, और मुझसे यह छिपाए रखा है कि आपकी अपार शक्ति का राज़ क्या है.”
15 तब दलीला ने शिमशोन से कहा, “तुम मुझसे कैसे कह सकते हो, ‘मैं तुमसे प्रेम करता हूँ,’ जबकि तुम मुझ पर विश्वास तक नहीं करते। तुम अपना राज बताने से इन्कार करते हो। यह तीसरी बार तुमने मुझे बेवकूफ बनाया है। तुमने अपनी भीषण शक्ति का राज नहीं बताया है।”
15 तब दलीला ने उस से कहा, तेरा मन तो मुझ से नहीं लगा, फिर तू क्यों कहता है, कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूं? तू ने ये तीनों बार मुझ से छल किया, और मुझे नहीं बताया कि तेरे बड़े बल का भेद क्या है।
15 दलीलाह ने शिमशोन से कहा, ‘तुम यह बात कैसे कह सकते हो : “मैं तुम से प्रेम करता हूँ!” जब कि तुम्हारा हृदय मुझ में नहीं लगता? तुमने मुझे तीन बार धोखा दिया। तुमने मुझे नहीं बताया कि तुम्हारी महाशक्ति का स्रोत कहाँ है।’
15 तब दलीला ने उससे कहा, “तेरा मन तो मुझ से नहीं लगा, फिर तू क्यों कहता है, कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूँ? तू ने तीनों बार मुझ से छल किया, और मुझे नहीं बताया कि तेरे बड़े बल का भेद क्या है।”
15 तब दलीला ने उससे कहा, “तेरा मन तो मुझसे नहीं लगा, फिर तू क्यों कहता है, कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूँ? तूने ये तीनों बार मुझसे छल किया, और मुझे नहीं बताया कि तेरे बड़े बल का भेद क्या है।”
शिमशोन की पत्नी उसके सामने रोने लगी. और उसने शिमशोन से कहा, “तुम तो मुझसे नफरत करते हो. तुम्हें मुझसे प्रेम है ही नहीं. मेरे जाति वाले युवाओं के सामने तुमने पहेली प्रस्तुत की, और मुझे इसका हल नहीं बताया.” शिमशोन ने साफ़ किया, “देखो, इसका हल तो मैंने अपने माता-पिता तक को नहीं बताया है, क्या मैं यह तुम्हें बता दूं?”
सो जब शिमशोन सो रहा था, दलीलाह ने उसकी सात लटों को वस्त्र में बुन दिया और उन्हें खूंटी में फंसा दिया. फिर वह चिल्लाई, “शिमशोन आपको पकड़ने के लिए फिलिस्तीनी आ रहे हैं!” शिमशोन नींद से जाग उठा और करघे की खूंटी समेत वस्त्र को खींचकर ले गया.