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नीतिवचन 6:14 - सरल हिन्दी बाइबल

14 वह अपने कपटी हृदय से बुरी युक्तियां सोचता तथा निरंतर ही कलह को उत्पन्‍न करता रहता है.

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पवित्र बाइबल

14 जो अपने मन में षड्यन्त्र रचता है और जो सदा अनबन उपजाता रहता है।

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Hindi Holy Bible

14 उसके मन में उलट फेर की बातें रहतीं, वह लगातार बुराई गढ़ता है और झगड़ा-रगड़ा उत्पन्न करता है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

14 वह कुटिल हृदय से बुरी योजनाएं गढ़ता है; वह निरन्‍तर लड़ाई-झगड़ा उत्‍पन्न करता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

14 उसके मन में उलट–फेर की बातें रहतीं, वह लगातार बुराई गढ़ता है और झगड़ा–रगड़ा उत्पन्न करता है।

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नवीन हिंदी बाइबल

14 अपने कुटिल हृदय में वह निरंतर बुरी युक्‍तियाँ गढ़ता है, और लड़ाई-झगड़े उत्पन्‍न‍ करता है।

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नीतिवचन 6:14
22 क्रॉस रेफरेंस  

धिक्कार है उन पर जो बुरे कार्यों की योजना बनाते रहते हैं, जो अपने बिछौने पर पड़े हुए षड़्‍यंत्र रचते हैं! पौ फटते ही अपनी युक्ति को पूरा करते हैं क्योंकि सत्ता उनके हाथ होती है.


प्रिय भाई बहिनो, मेरी तुमसे विशेष विनती है कि उन पर विशेष ध्यान दो, जो तुम्हारे बीच फूट डालते तथा तुम्हें दी गई शिक्षा के मार्ग में बाधा उत्पन्‍न करते रहते हैं. उनसे दूर रहो.


“वे हवा बोते हैं, और बवंडर रूपी फसल काटते हैं. फसल के डंठल में बाली नहीं है; इससे आटा नहीं मिलेगा. यदि इससे अन्‍न पैदा होता, तो परदेशी इसे खा जाते.


याहवेह ने मुझसे कहा, “हे मनुष्य के पुत्र, ये वे लोग हैं, जो इस शहर में बुरे षड़्‍यंत्र रच रहे हैं और बुरी सलाह दे रहे हैं.


परंतु दुष्ट लहराते हुए सागर समान है, जो स्थिर रह ही नहीं सकता, उसकी तरंगें कचरे और कीचड़ को उछालती रहती हैं.


दुष्ट गलत बात सोचता है, और सीधे लोगों को भी अपनी बातों में फंसा देता है.


जो कोई अन्याय का बीजारोपण करता है, विपत्ति की उपज एकत्र करता है, तब उसके क्रोध की लाठी भी विफल सिद्ध होती है.


दोषी व्यक्ति कुटिल मार्ग को चुनता है, किंतु सात्विक का चालचलन धार्मिकतापूर्ण होता है.


अपने पड़ोसी के विरुद्ध बुरी युक्ति की योजना न बांधना, तुम पर विश्वास करते हुए उसने तुम्हारे पड़ोस में रहना उपयुक्त समझा है.


जिन्हें कुकृत्यों तथा बुराई की भ्रष्टता में आनंद आता है,


यहां तक कि बिछौने पर लेटे हुए वह बुरी युक्ति रचता रहता है; उसने स्वयं को अधर्म के लिए समर्पित कर दिया है. वह बुराई को अस्वीकार नहीं कर पाता.


वे मन ही मन अनर्थ षड़्‍यंत्र रचते रहते हैं और सदैव युद्ध ही भड़काते रहते हैं.


अधर्मी व्यक्ति बुराई की योजना करता रहता है, और जब वह बातें करता है, तो उसके शब्द भड़कती अग्नि-समान होते हैं.


कुटिल प्रवृत्ति का व्यक्ति अवश्य ही विपत्ति में जा पड़ेगा; वैसे ही वह भी, जो झूठ बोलने वाला है.


वह, जो अनर्थ की युक्ति करता है वह षड़्‍यंत्रकारी के रूप में कुख्यात हो जाता है.


उन्होंने अपनी जीभ सर्प सी तीखी बना रखी है; उनके होंठों के नीचे नाग का विष भरा है.


कुटिल व्यक्ति याहवेह के लिए घृणास्पद है किंतु धर्मी उनके विश्वासपात्र हैं.


क्या वे मार्ग से भटक नहीं गये, जिनकी अभिलाषा ही दुष्कर्म की होती है? वे, जो भलाई का यत्न करते रहते हैं. उन्हें सच्चाई तथा निर्जर प्रेम प्राप्‍त होता है.


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