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नीतिवचन 26:25 - सरल हिन्दी बाइबल

25 जब वह मनभावन विचार व्यक्त करने लगे, तो उसका विश्वास न करना, क्योंकि उसके हृदय में सात घिनौनी बातें छिपी हुई हैं.

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पवित्र बाइबल

25 उसकी मोहक वाणी से उसका भरोसा मत कर, क्योंकि उसके मन में सात घृणित बातें भरी हैं।

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Hindi Holy Bible

25 उसकी मीठी-मीठी बात प्रतीति न करना, क्योंकि उसके मन में सात घिनौनी वस्तुएं रहती हैं;

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

25 जब वह मीठी-मीठी बातें करे, तब उसकी बात पर विश्‍वास मत करना; क्‍योंकि उसके हृदय में सात घिनौनी बातें छिपी होती हैं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

25 उसकी मीठी–मीठी बात की प्रतीति न करना, क्योंकि उसके मन में सात घिनौनी वस्तुएँ रहती हैं;

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नवीन हिंदी बाइबल

25 जब वह मीठी-मीठी बातें करे तो उसका विश्‍वास न करना, क्योंकि उसके मन में सात घृणित बातें हैं।

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नीतिवचन 26:25
11 क्रॉस रेफरेंस  

क्योंकि यहां तक कि तुम्हारे भाई-बंधुओं तथा तुम्हारे पिता के ही परिवार ने— तुम्हारे साथ विश्वासघात किया है; वे चिल्ला-चिल्लाकर तुम्हारा विरोध कर रहे हैं. यदि वे तुमसे तुम्हारे विषय में अनुकूल शब्द भी कहें, फिर भी उनका विश्वास न करना.


दुष्टों के लिए निर्धारित दंड में मुझे सम्मिलित न कीजिए, वे अधर्म करते रहते हैं, पड़ोसियों के साथ उनका वार्तालाप अत्यंत मेल-मिलाप का होता है किंतु उनके हृदय में उनके लिए बुराई की युक्तियां ही उपजती रहती हैं.


उस समय यदि कोई आकर तुम्हें सूचित करे, ‘सुनो-सुनो, मसीह यहां हैं!’ या, ‘वह वहां हैं!’ तो विश्वास न करना.


मनुष्य मनुष्य से झूठी बातें कर रहा है; वे चापलूसी करते हुए एक दूसरे का छल करते हैं.


किसी पड़ोसी पर विश्वास न करना और न ही अपने किसी मित्र पर भरोसा करना. यहां तक कि अपनी अर्द्धागिनी से भी संभलकर बात करना.


क्योंकि वह उस व्यक्ति के समान है, जो कहता तो है, “और खाइए न!” किंतु मन ही मन वह भोजन के मूल्य का हिसाब लगाता रहता है. वस्तुतः उसकी वह इच्छा नहीं होती, जो वह कहता है.


कुटिल हृदय के व्यक्ति के चिकने-चुपड़े शब्द वैसे ही होते हैं, जैसे मिट्टी के पात्र पर चढ़ाई गई चांदी का कीट.


एक दिन शाऊल ने दावीद से कहा, “सुनो, मेरी इच्छा है कि मैं अपनी बड़ी बेटी का विवाह तुमसे कर दूं. तुम्हें बस इतना ही करना होगा कि तुम मेरे लिए साहसी योद्धा होकर याहवेह के युद्ध लड़ो.” वास्तव में शाऊल का सोचना यह था, “यह करने पर दावीद की हत्या का दोष मुझ पर नहीं बल्कि वह फिलिस्तीनियों पर आएगा. ज़रूरी ही नहीं है कि मैं उसकी हत्या की कोशिश करूं, फिलिस्तीनी ही यह काम पूरा कर देंगे!”


तब सनबल्लत और गेशेम ने मुझे यह संदेश भेजा “आप आइए कि हम ओनो के मैदान में चेपिरिम नामक स्थान पर भेंट करें.” मगर इसके द्वारा उनका इरादा मेरा बुरा करने का ही था.


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