29 फिर मोशेह ने कहा, “आज तुम्हें याहवेह के लिए अलग किया गया है, क्योंकि हर एक ने अपने पुत्र तथा अपने भाई का विरोध किया और इसलिये याहवेह ने तुमको आशीष दी है.”
29 फिर मूसा ने कहा, आज के दिन यहोवा के लिये अपना याजकपद का संस्कार करो, वरन अपने अपने बेटों और भाइयों के भी विरुद्ध हो कर ऐसा करो जिस से वह आज तुम को आशीष दे।
29 मूसा ने कहा, ‘आज तुम में से प्रत्येक व्यक्ति ने अपने पुत्र, अपने भाई का उत्सर्ग कर प्रभु की सेवा के लिए पुरोहित पद पर स्वयं को अभिषिक्त किया है। अतएव वह आज तुमको आशिष देगा।’
29 फिर मूसा ने कहा, “आज के दिन यहोवा के लिये अपना याजकपद का संस्कार करो, वरन् अपने अपने बेटों और भाइयों के भी विरुद्ध होकर ऐसा करो जिस से वह आज तुम को आशीष दे।”
29 फिर मूसा ने लेवियों से कहा, “आज तुम स्वयं को यहोवा के लिए समर्पित करो, ताकि यहोवा तुम्हें आज आशिष दे, क्योंकि तुममें से प्रत्येक पुरुष ने अपने पुत्र और भाई का विरोध किया है।”
सारे इस्राएल में शिक्षा देने के लिए ठहराए गए लेवियों को, जो याहवेह के लिए अलग किए हुए थे, राजा ने आदेश दिया: “उस पवित्र संदूक को इस्राएल के राजा दावीद के पुत्र शलोमोन द्वारा बनवाए याहवेह के घर में प्रतिष्ठित कर दो. अब यह तुम्हारे कांधों के लिए बोझ नहीं रहेगा. अब आप लोग याहवेह अपने परमेश्वर और उनकी प्रजा इस्राएल की सेवा की ओर ध्यान लगाइए.
और फिर भी यदि कोई भविष्यवाणी करे, तो उसको पैदा करनेवाले उसके माता-पिता उससे कहेंगे, ‘अवश्य है कि तू मर जाए, क्योंकि तूने याहवेह के नाम में झूठ बोला है,’ तब उसके खुद के माता-पिता उस भविष्यवाणी करनेवाले को तलवार से मार डालेंगे.