ओबद्याह 1:19 - सरल हिन्दी बाइबल19 एसाव पर्वत पर नेगेव के निवासियों का अधिकार हो जाएगा, और फिलिस्तिया देश पर नीचे के देश के लोग अधिकार कर लेंगे. वे एफ्राईम तथा शमरिया के खेतों पर अधिकार कर लेंगे, और बिन्यामिन गिलआद पर अधिकार करेगा. अध्याय देखेंपवित्र बाइबल19 तब नेगव के लोग एसाव पर्वत पर रहेंगे और पर्वत की तराईयों के लोग पलिश्ती प्रदेश को लेंगे। परमेश्वर के वे लोग एप्रैम और शोमरोन की भूमि पर रहेंगे। गिलाद, बिन्यामीन का होगा। अध्याय देखेंHindi Holy Bible19 दक्खिन देश के लोग ऐसाव के पहाड़ के अधिकारी हो जाएंगे, और नीचे के देश के लोग पलिश्तियों के अधिकारी होंगे; और यहूदी, एप्रैम और सामरिया के दिहात को अपने भाग में कर लेंगे, और बिन्यामीन गिलाद का अधिकारी होगा। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)19 नेगेब क्षेत्र के लोग एसाव पर्वत पर अधिकार करेंगे; शफेलाह क्षेत्र के लोग पलिश्ती देश पर अधिकार करेंगे। वे एफ्रइम प्रदेश तथा सामरी प्रदेश पर भी अधिकार करेंगे। बिन्यामिन कुल गिलआद क्षेत्र पर अधिकार करेगा। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)19 दक्खिन देश के लोग एसाव के पहाड़ के अधिकारी हो जाएँगे, और नीचे के देश के लोग पलिश्तियों के अधिकारी होंगे; और यहूदी, एप्रैम और सामरिया के देहात को अपने भाग में कर लेंगे, और बिन्यामीन गिलाद का अधिकारी होगा। अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201919 दक्षिण देश के लोग एसाव के पहाड़ के अधिकारी हो जाएँगे, और नीचे के देश के लोग पलिश्तियों के अधिकारी होंगे; और यहूदी, एप्रैम और सामरिया के देश को अपने भाग में कर लेंगे, और बिन्यामीन गिलाद का अधिकारी होगा। अध्याय देखें |
तब उन्होंने ज़ेरुब्बाबेल तथा कुल के प्रधानों से जाकर विनती की, “हमें अनुमति दीजिए कि हम इस भवन बनाने के काम में आप लोगों के साथ जुट जाएं; क्योंकि आपके समान हम भी आपके ही परमेश्वर के आराधक हैं; हम अश्शूर के राजा एसारहद्दन के शासनकाल से इन्हीं परमेश्वर के लिए बलि चढ़ाते आ रहें हैं, जो हमें यहां लेकर आए हैं.”
लोग चांदी देकर खेत क्रय कर लेंगे, वे बंधक-पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे तथा उसे आमंत्रित साक्ष्यों को सारे मोहरबन्द कर देंगे. यह सब बिन्यामिन प्रदेश में होगा, येरूशलेम के उपनगरों में होगा यहूदिया के नगरों में होगा, घाटी के नगरों में होगा तथा नेगेव के नगरों में होगा; क्योंकि मैं समृद्धि लौटा दूंगा, यह याहवेह की वाणी है.”