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अय्यूब 36:29 - सरल हिन्दी बाइबल

29 क्या किसी में यह क्षमता है, कि मेघों को फैलाने की बात को समझ सके, परमेश्वर के मंडप की बिजलियां को समझ ले?

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पवित्र बाइबल

29 कोई भी व्यक्ति नहीं समझ सकता कि परमेश्वर कैसे बादलों को बिखराता है, और कैसे बिजलियाँ आकाश में कड़कती हैं।

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Hindi Holy Bible

29 फिर क्या कोई बादलों का फैलना और उसके मण्डल में का गरजना समझ सकता है?

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

29 क्‍या कोई व्यक्‍ति मेघों के विस्‍तार का अनुभव कर सकता है? क्‍या कोई मनुष्‍य परमेश्‍वर के निवास- स्‍थान में मेघ-गर्जन को समझ सकता है?

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

29 फिर क्या कोई बादलों का फैलना और उसके मण्डल में का गरजना समझ सकता है?

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

29 फिर क्या कोई बादलों का फैलना और उसके मण्डल में का गरजना समझ सकता है?

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अय्यूब 36:29
19 क्रॉस रेफरेंस  

क्या आपको मालूम है कि बादल अधर में कैसे रहते हैं? यह सब उनके द्वारा निष्पादित अद्भुत कार्य हैं, जो अपने ज्ञान में परिपूर्ण हैं.


पर्वत आपको देखकर थर्रा उठे. पानी का तेज प्रवाह होने लगा; गहरे समुद्र गरज उठे और उसमें से ऊंची-ऊंची लहरें उठने लगी.


याहवेह क्रोध करने में धीमा पर बड़े सामर्थ्यी हैं; याहवेह दुष्टों को दंड देने में पीछे न हटेंगे. उनका मार्ग बवंडर और आंधी में से होकर जाता है, और बादल उनके पैरों की धूल है.


किंतु जब आपने फटकार लगाई, तब जल हट गया, आपके गर्जन समान आदेश से जल-राशियां भाग खड़ी हुई;


आपने आकाश के जल के ऊपर ऊपरी कक्ष की धरनें स्थापित की हैं, मेघ आपके रथ हैं तथा आप पवन के पंखों पर यात्रा करते हैं.


स्वर्ग से याहवेह ने गर्जन की और परम प्रधान ने अपने शब्द सुनाए.


कौन है वह, जिसमें ऐसा ज्ञान है, कि वह मेघों की गणना कर लेता है? अथवा कौन है वह, जो आकाश के पानी के मटकों को झुका सकता है,


जब मैंने इसके लिए मेघ परिधान निर्मित किया तथा घोर अंधकार को इसकी मेखला बना दिया,


यह समझ लो, कि ये सब तो उनके महाकार्य की झलक मात्र है; उनके विषय में हम कितना कम सुन पाते हैं! तब किसमें क्षमता है कि उनके पराक्रम की थाह ले सके?”


उन्होंने अंधकार ओढ़ लिया, वह उनका छाता बन गया, घने-काले वर्षा के मेघ में घिरे हुए.


मेघ यही वृष्टि उण्डेलते जाते हैं, बहुतायत से यह मनुष्यों पर बरसती हैं.


देखिए, परमेश्वर ही उजियाले को अपने आस-पास बिखरा लेते हैं तथा महासागर की थाह को ढांप देते हैं.


परमेश्वर ही घने मेघ को नमी से भर देते हैं; वे नमी के ज़रिए अपनी बिजली को बिखेर देते हैं.


यह वह हैं जो पृथ्वी के घेरे के ऊपर आकाश में विराजमान हैं. पृथ्वी के निवासी तो टिड्डी के समान हैं, वह आकाश को मख़मल के वस्त्र के समान फैला देते हैं.


जब उन्होंने वृष्टि की सीमा तय कर दी तथा गर्जन और बिजली की दिशा निर्धारित कर दी,


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