2 इतिहास 31:21 - सरल हिन्दी बाइबल21 हर एक काम, जो उसने व्यवस्था और आदेशों के अनुसार परमेश्वर के भवन के हित में किया, जिसमें उसने परमेश्वर की इच्छा मालूम की, उसने सभी कुछ अपने पूरे मन से ही किया और हमेशा ही समृद्ध होता गया. अध्याय देखेंपवित्र बाइबल21 उसने जो भी कार्य परमेश्वर के मन्दिर की सेवा में, नियमों व आज्ञाओं का पालन करने में और अपने परमेश्वर का अनुसरण करने में किये उसमें उसे सफलता मिली। हिजकिय्याह ने ये सभी कार्य अपने पूरे हृदय से किये। अध्याय देखेंHindi Holy Bible21 और जो जो काम उसने परमेश्वर के भवन की उपासना और व्यवस्था और आज्ञा के विषय अपने परमेश्वर की खोज में किया, वह उसने अपना सारा मन लगाकर किया और उस में कृतार्थ भी हुआ। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)21 उसने जो भी कार्य अपने हाथ में लिया, उसको पूर्ण हृदय से किया। उसने मन लगाकर परमेश्वर के भवन में आराधना का प्रबन्ध किया, परमेश्वर की व्यवस्था और उसकी आज्ञाओं के अनुरूप परमेश्वर की खोज की और वह उसमें सफल भी हुआ। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)21 जो जो काम उसने परमेश्वर के भवन की उपासना और व्यवस्था और आज्ञा के विषय अपने परमेश्वर की खोज में किया, वह उसने अपना सारा मन लगाकर किया और उसमें सफल भी हुआ। अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201921 जो-जो काम उसने परमेश्वर के भवन की उपासना और व्यवस्था और आज्ञा के विषय अपने परमेश्वर की खोज में किया, वह उसने अपना सारा मन लगाकर किया और उसमें सफल भी हुआ। अध्याय देखें |
यहूदिया से उसने कहा था, “चलो, हम इन नगरों को बनाएं. हम इन्हें दीवारों से घेर देंगे, हम इन पर पहरेदारों की ऊंची चौकियां बनाएं और इनमें द्वार और शालाएं लगा दें. हम याहवेह अपने परमेश्वर की इच्छा के खोजी रहे हैं इसलिये यह देश अब तक हमारा है और याहवेह ने हमें सभी ओर से शांति दी है.” इसलिये वे नगर बनाते गए और उन्नति करते गए.