1 शमूएल 16:5 - सरल हिन्दी बाइबल5 शमुएल ने उत्तर दिया, “हां, सब कुशल है. मैं यहां याहवेह के लिए बलि अर्पित करने आया हूं. स्वयं को शुद्ध करके बलि अर्पण के लिए मेरे साथ चलो.” तब उन्होंने यिशै और उनके पुत्रों को शुद्ध करके उन्हें बलि अर्पण के लिए आमंत्रित किया. अध्याय देखेंपवित्र बाइबल5 शमूएल ने उत्तर दिया, “हाँ, मैं शान्तिपूर्वक आया हूँ। मैं यहोवा को बलि—भेंट करने आया हूँ। अपने को तैयार करो और मेरे साथ बलि—भेंट में आओ।” शमूएल ने यिशै और उसके पुत्रों को तैयार किया। तब शमूएल ने उन्हें आने और बलि—भेंट में भाग लेने के लिये आमन्त्रित किया। अध्याय देखेंHindi Holy Bible5 उसने कहा, हां, मित्रभाव से आया हूं; मैं यहोवा के लिये यज्ञ करने को आया हूं; तुम अपने अपने को पवित्र करके मेरे साथ यज्ञ में आओ। तब उसने यिशै और उसके पुत्रों को पवित्र करके यज्ञ में आने का न्योता दिया। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)5 शमूएल ने उत्तर दिया, ‘हाँ, मित्रभाव से। मैं प्रभु के लिए बलि चढ़ाने आया हूँ। तुम अपने आप को शुद्ध करो, और बलि चढ़ाने के लिए मेरे साथ चलो।’ यों शमूएल ने यिशय और उसके पुत्रों को शुद्ध किया और उन्हें बलि-भोज के लिए निमन्त्रित किया। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)5 उसने कहा, “हाँ, मित्रभाव से आया हूँ; मैं यहोवा के लिये यज्ञ करने को आया हूँ; तुम अपने अपने को पवित्र करके मेरे साथ यज्ञ में आओ।” तब उसने यिशै और उसके पुत्रों को पवित्र करके यज्ञ में आने का न्योता दिया। अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 20195 उसने कहा, “हाँ, मित्रभाव से आया हूँ; मैं यहोवा के लिये यज्ञ करने को आया हूँ; तुम अपने-अपने को पवित्र करके मेरे साथ यज्ञ में आओ।” तब उसने यिशै और उसके पुत्रों को पवित्र करके यज्ञ में आने का न्योता दिया। अध्याय देखें |
इसी समय पवित्रात्मा आमासाई पर जो उन तीस पर प्रधान था, उतरे और आमासाई यह कहने लगा, “दावीद, हम आपके हैं! यिशै के पुत्र, हम आपके साथ हैं! शांति, आप पर शांति बनी रहे, शांति आपके सहायकों पर बनी रहे, निःसंदेह, आपके परमेश्वर आपकी सहायता करते हैं.” यह सुन दावीद ने उन्हें स्वीकार कर लिया और उन्हें सैनिकों का प्रधान बना दिया.
जब उत्सवों का समय समाप्त हो जाता था, तब अय्योब अपनी इन संतानों को अपने यहां बुलाकर उन्हें पवित्र किया करते थे. वह बड़े भोर को उठकर उनकी संख्या के अनुरूप होमबलि अर्पित करते थे. उनकी सोच थी, “संभव है मेरे पुत्रों से कोई पाप हुआ हो और उन्होंने अपने हृदय में ही परमेश्वर के प्रति अनिष्ट किया हो और परमेश्वर को छोड़ दिया हो.” अय्योब यह सब नियमपूर्वक किया करते थे.