19 “आपके और मेरे बीच एक वाचा बांधी जाए—ठीक जैसी मेरे और आपके पिताओं के बीच थी. मैं उपहार के रूप में आपके लिए सोना और चांदी भेज रहा हूं. आप इस्राएल के राजा बाशा से अपनी वाचा तोड़ दीजिए, कि वह यहां से अपनी सेनाएं हटा ले.”
19 आसा ने यह सन्देश भेजा, “मेरे पिता और तुम्हारे पिता के मध्य एक शान्ति—सन्धि थी। अब मैं तुम्हारे और अपने बीच एक शान्ति—सन्धि करना चाहता हूँ। मैं तुम्हारे पास सोना—चाँदी की भेंट भेज रहा हूँ। इस्राएल के राजा बाशा के साथ अपनी सन्धि तोड़ दो। तब बाशा मेरे देश को छोड़ देगा।”
19 आसा ने यह सन्देश बेन-हदद के पास भेजा, ‘जैसे मेरे पिता और आपके पिता के मध्य सन्धि थी वैसे ही, आइए, मैं और आप सन्धि करें। मैं आपकी सेवा में सोना-चांदी का उपहार भेज रहा हूं। कृपया, आप इस्राएल प्रदेश के राजा बाशा से सन्धि-विच्छेद कर लीजिए, जिससे वह मेरे पास से पीछे हट जाए।’
19 “जैसा मेरे और तेरे पिता के मध्य में वैसे ही मेरे और तेरे मध्य भी वाचा बाँधी जाए : देख, मैं तेरे पास चाँदी सोने की भेंट भेजता हूँ, इसलिये आ, इस्राएल के राजा बाशा के साथ की अपनी वाचा को टाल दे कि वह मेरे पास से चला जाए।”
19 “जैसा मेरे और तेरे पिता के मध्य में वैसा ही मेरे और तेरे मध्य भी वाचा बाँधी जाएः देख, मैं तेरे पास चाँदी सोने की भेंट भेजता हूँ, इसलिए आ, इस्राएल के राजा बाशा के साथ की अपनी वाचा को टाल दे, कि वह मेरे पास से चला जाए।”
इसलिये राजा ने बातचीत के लिए गिबियोनवासियों को आमंत्रित किया. (एक सच यह था कि गिबियोनवासी इस्राएल के वंशज नहीं बल्कि अमोरियों के बचे हुए भाग थे. इस्राएलियों ने उन्हें सुरक्षा का वचन दे दिया था. शाऊल ने अपने उत्साह में भरकर इस्राएल और यहूदाह के वंशजों के हित में इन्हें समाप्त करने का प्रयास किया था.)
“आपके और मेरे बीच एक वाचा बांधी जाए—ठीक जैसी मेरे और आपके पिता के बीच थी. मैं आपके लिए सोना और चांदी भेज रहा हूं. आप इस्राएल के राजा बाशा से अपनी वाचा तोड़ दीजिए, कि वह यहां से अपनी सेनाएं हटा ले.”
उसी समय दर्शी हनानी ने यहूदिया के राजा आसा से कहा, “इसलिये कि आपने याहवेह, अपने परमेश्वर पर भरोसा करने की बजाय अराम के राजा पर भरोसा किया है, इस्राएल के राजा की सेना अब आपसे बचकर निकल गई है.
उससे भेंट करने गया और राजा यहोशाफ़ात से कहा: क्या सही है कि आप दुष्टों की सहायता करें और याहवेह के शत्रुओं से प्रेम करें और याहवेह की ओर से अपने आप पर परमेश्वर का क्रोध ले आएं?
हाय उन पर जो मिस्र देश में सहायता के लिए जाते हैं, और जो घोड़ों पर आश्रित होते हैं, उनका भरोसा रथों पर है क्योंकि वे बहुत हैं, और सवारों पर क्योंकि वे बलवान है, किंतु वे इस्राएल के पवित्र परमेश्वर की ओर सहायता के लिए नहीं देखते, और न ही वे याहवेह को खोजते हैं.
तब यह कहने में क्या नुकसान है—जैसा कि हमारे लिए निंदा से भरे शब्दों में यह दावा भी कहा जा रहा कि यह हमारा ही कहना है—कि “चलो बुराई करें कि इससे ही कुछ भला हो जाए?” उन पर घोषित दंड सही है.