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व्यवस्थाविवरण 4:30 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

30 अन्त के दिनों में जब तुम संकट में पड़ो, और ये सब विपत्तियाँ तुम पर आ पड़ें, तब तुम अपने परमेश्‍वर यहोवा की ओर फिरो और उसकी मानना;

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पवित्र बाइबल

30 जब तुम विपत्ति में पड़ोगे और वे सभी बातें तुम पर घटेंगी तो तुम यहोवा अपने परमेश्वर के पास लौटोगे और उसकी आज्ञा का पालन करोगे।

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Hindi Holy Bible

30 अन्त के दिनों में जब तुम संकट में पड़ो, और ये सब विपत्तियां तुम पर आ पड़ेंगी, तब तुम अपने परमेश्वर यहोवा की ओर फिरो और उसकी मानना;

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

30 जब तुम संकटग्रस्‍त होगे, और आनेवाले दिनों में इन बातों की याद जो मैंने कही हैं तुम्‍हें आ घेरेगी, तब तुम अपने प्रभु परमेश्‍वर की ओर लौटोगे, और उसका स्‍वर सुनोगे;

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सरल हिन्दी बाइबल

30 जब तुम संकट की स्थिति में जा पड़ो और ये सारी मुसीबतें तुम्हें आ घेरें, तब अंततः तुम याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर की ओर लौट आओगे और तुम्हें उनकी आवाज भी सुनाई पड़ेगी.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

30 अन्त के दिनों में जब तुम संकट में पड़ो, और ये सब विपत्तियाँ तुम पर आ पड़ें, तब तुम अपने परमेश्वर यहोवा की ओर फिरो और उसकी मानना;

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व्यवस्थाविवरण 4:30
31 क्रॉस रेफरेंस  

उसके बाद वे अपने परमेश्‍वर यहोवा और अपने राजा दाऊद को फिर ढूँढ़ने लगेंगे, और अन्त के दिनों में यहोवा के पास, और उसकी उत्तम वस्तुओं के लिये थरथराते हुए आएँगे।


जब तक यहोवा अपना काम और अपनी युक्‍तियों को पूरी न कर चुके, तब तक उसका क्रोध शान्त न होगा। अन्त के दिनों में तुम इस बात को भली भाँति समझ सकोगे।


परन्तु मैं ने उनको यह आज्ञा दी कि मेरे वचन को मानो, तब मैं तुम्हारा परमेश्‍वर हूँगा, और तुम मेरी प्रजा ठहरोगे; और जिस मार्ग की मैं तुम्हें आज्ञा दूँ उसी में चलो, तब तुम्हारा भला होगा।


यदि तुम आज्ञाकारी होकर मेरी मानो,


क्योंकि मुझे मालूम है कि मेरी मृत्यु के बाद तुम बिलकुल बिगड़ जाओगे, और जिस मार्ग में चलने की आज्ञा मैं ने तुम को सुनाई है उसको भी तुम छोड़ दोगे; और अन्त के दिनों में जब तुम वह काम करके जो यहोवा की दृष्‍टि में बुरा है, अपनी बनाई हुई वस्तुओं की पूजा करके उसको रिस दिलाओगे, तब तुम पर विपत्ति आ पड़ेगी।”


फिर याक़ूब ने अपने पुत्रों को यह कहकर बुलाया, “इकट्ठे हो जाओ, मैं तुम को बताऊँगा कि अन्त के दिनों में तुम पर क्या क्या बीतेगा।


फिर उसने अमालेक पर दृष्‍टि करके अपनी गूढ़ बात आरम्भ की, और कहने लगा, “अमालेक अन्यजातियों में श्रेष्‍ठ तो था, परन्तु उसका अन्त विनाश ही है।”


इन अन्तिम दिनों में हम से पुत्र के द्वारा बातें कीं, जिसे उसने सारी वस्तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उसने सारी सृष्‍टि की रचना की है।


परन्तु पहले दमिश्क के, फिर यरूशलेम के, और तब यहूदिया के सारे देश के रहनेवालों को, और अन्यजातियों को समझाता रहा, कि मन फिराओ और परमेश्‍वर की ओर फिर कर मन फिराव के योग्य काम करो।


इसलिये, मन फिराओ और लौट आओ कि तुम्हारे पाप मिटाए जाएँ, जिससे प्रभु के सम्मुख से विश्रान्ति के दिन आएँ,


“फिर दूर दूर के लोग आ आकर यहोवा का मन्दिर बनाने में सहायता करेंगे, और तुम जानोगे कि सेनाओं के यहोवा ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है। यदि तुम मन लगाकर अपने परमेश्‍वर यहोवा की आज्ञाओं का पालन करो तो यह बात पूरी होगी।”


और अब मैं तुझे समझाने आया हूँ, कि अन्त के दिनों में तेरे लोगों की क्या दशा होगी। क्योंकि जो दर्शन तू ने देखा है वह कुछ दिनों के बाद पूरा होगा।”


हम अपने चालचलन को ध्यान से परखें, और यहोवा की ओर फिरें!


उस समय मेरा कोप इन पर भड़केगा, और मैं भी इन्हें त्यागकर इनसे अपना मुँह छिपा लूँगा, और ये आहार हो जाएँगे; और बहुत सी विपत्तियाँ और क्लेश इन पर आ पड़ेंगे, यहाँ तक कि ये उस समय कहेंगे, ‘क्या ये विपत्तियाँ हम पर इस कारण तो नहीं आ पड़ीं, क्योंकि हमारा परमेश्‍वर हमारे मध्य में नहीं रहा?


क्योंकि तू अपने परमेश्‍वर यहोवा की सुनकर उसकी आज्ञाओं और विधियों को जो इस व्यवस्था की पुस्तक में लिखी हैं माना करेगा, और अपने परमेश्‍वर यहोवा की ओर अपने सारे मन और सारे प्राण से मन फिराएगा।


वहाँ मूसा ने अपने ससुर से वर्णन किया कि यहोवा ने इस्राएलियों के निमित्त फ़िरौन और मिस्रियों से क्या–क्या किया, और इस्राएलियों ने मार्ग में क्या–क्या कष्‍ट उठाया, फिर यहोवा उन्हें कैसे–कैसे छुड़ाता आया है।


और सिद्ध बनकर, अपने सब आज्ञा माननेवालों के लिये सदा काल के उद्धार का कारण हो गया,


और अपनी सन्तान सहित अपने सारे मन और सारे प्राण से अपने परमेश्‍वर यहोवा की ओर फिरकर उसके पास लौट आए, और इन सब आज्ञाओं के अनुसार जो मैं आज तुझे सुनाता हूँ उसकी बातें माने;


वरन् अभी भी जब मैं इन्हें उस देश में जिसके विषय मैं ने शपथ खाई है, पहुँचा नहीं चुका, मुझे मालूम है कि ये क्या क्या कल्पना कर रहे हैं; इसलिये जब बहुत सी विपत्तियाँ और क्लेश इन पर आ पड़ेंगे, तब यह गीत इन पर साक्षी देगा, क्योंकि इनकी सन्तान इसको कभी भी नहीं भूलेगी।”


अपने संकट में मैं ने यहोवा परमेश्‍वर को पुकारा; मैं ने अपने परमेश्‍वर की दोहाई दी; और उसने अपने मन्दिर में से मेरी बातें सुनी; और मेरी दोहाई उसके पास पहुँचकर उसके कानों में पड़ी।


परन्तु मैं तेरी सामर्थ्य का यश गाऊँगा, और भोर को तेरी करुणा का जयजयकार करूँगा। क्योंकि तू मेरा ऊँचा गढ़ है, और संकट के समय मेरा शरणस्थान ठहरा है।


तब उन्होंने संकट में यहोवा की दोहाई दी, और उसने उनको सकेती से छुड़ाया;


तब उन्होंने संकट में यहोवा की दोहाई दी, और उसने सकेती से उनका उद्धार किया;


यहोवा की यह वाणी है, “हे इस्राएल, यदि तू लौट आये, तो मेरे पास लौट आ। यदि तू घिनौनी वस्तुओं को मेरे सामने से दूर करे, तो तुझे आवारा फिरना न पड़ेगा,


और यदि तू सच्‍चाई और न्याय और धर्म से यहोवा के जीवन की शपथ खाए, तो जाति–जाति उसके कारण अपने आपको धन्य कहेंगी, और उसी पर घमण्ड करेंगी।”


परन्तु यदि तुम मेरी ओर फिरो, और मेरी आज्ञाएँ मानो, और उन पर चलो, तो चाहे तुम में से निकाले हुए लोग आकाश की छोर में भी हों, तौभी मैं उनको वहाँ से इकट्ठा करके उस स्थान में पहुँचाऊँगा, जिसे मैं ने अपने नाम के निवास के लिये चुन लिया है।’


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