21 व्यवस्था की प्रस्तुत पुस्तक में लिखित विधान के समस्त अभिशापों के अनुसार प्रभु इस्राएल के सब कुलों में से उस व्यक्ति को उसके विनाश के लिए अलग करेगा।
“इस्राएल का परमेश्वर सेनाओं का यहोवा यों कहता है : जिस प्रकार से मेरा कोप और जलजलाहट यरूशलेम के निवासियों पर भड़क उठी थी, उसी प्रकार से यदि तुम मिस्र में जाओ, तो मेरी जलजलाहट तुम्हारे ऊपर ऐसी भड़क उठेगी कि लोग चकित होंगे, और तुम्हारी उपमा देकर शाप दिया करेंगे और तुम्हारी निन्दा किया करेंगे। तुम इस स्थान को फिर न देखने पाओगे।
जो भविष्यद्वक्ता झूठे दर्शन देखते और झूठमूठ भावी कहते हैं, मेरा हाथ उनके विरुद्ध होगा, और वे मेरी प्रजा की मंडली में भागी न होंगे, न उनके नाम इस्राएल की नामावली में लिखे जाएँगे, और न वे इस्राएल के देश में प्रवेश करने पाएँगे; इस से तुम लोग जान लोगे कि मैं प्रभु यहोवा हूँ।
क्योंकि तू अपने परमेश्वर यहोवा की सुनकर उसकी आज्ञाओं और विधियों को जो इस व्यवस्था की पुस्तक में लिखी हैं माना करेगा, और अपने परमेश्वर यहोवा की ओर अपने सारे मन और सारे प्राण से मन फिराएगा।