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विलापगीत 2:18 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

18 वे प्रभु की ओर तन मन से पुकारते हैं! हे सिय्योन की कुमारी (की शहरपनाह), अपने आँसू रात दिन नदी के समान बहाती रह! तनिक भी विश्राम न ले, न तेरी आँख की पुतली चैन ले!

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पवित्र बाइबल

18 हे यरूशलेम की पुत्री परकोटे, तू अपने मन से यहोवा की टेर लगा! आँसुओं को नदी सा बहने दे! रात—दिन अपने आँसुओं को गिरने दे! तू उनको रोक मत! तू अपनी आँखों को थमने मत दे!

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Hindi Holy Bible

18 वे प्रभु की ओर तन मन से पुकारते हैं! हे सिय्योन की कुमारी (की शहरपनाह), अपने आंसू रात दिन नदी की नाईं बहाती रह! तनिक भी विश्राम न ले, न तेरी आंख की पुतली चैन ले!

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

18 ओ सियोन की पुत्री, उच्‍च स्‍वर में स्‍वामी को पुकार; तेरी आंखों से रात और दिन आंसू की जलधाराएं बहें! तू निरन्‍तर पुकारती रह, और चुप न रह; तेरी आंखों से आंसू बहते रहें, और वे बन्‍द न हों!

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सरल हिन्दी बाइबल

18 ज़ियोन की पुत्री की दीवार उच्च स्वर में अपने प्रभु की दोहाई दो. दिन और रात्रि अपने अश्रुप्रवाह को उग्र जलधारा-सदृश प्रवाहित करती रहो; स्वयं को कोई राहत न दो, और न तुम्हारी आंखों को आराम.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

18 वे प्रभु की ओर तन मन से पुकारते हैं! हे सिय्योन की कुमारी की शहरपनाह, अपने आँसू रात दिन नदी के समान बहाती रह! तनिक भी विश्राम न ले, न तेरी आँख की पुतली चैन ले!

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विलापगीत 2:18
14 क्रॉस रेफरेंस  

मेरी आँखों से जल की धारा बहती रहती है, क्योंकि लोग तेरी व्यवस्था को नहीं मानते। सांदे


मैं ने सारे मन से प्रार्थना की है, हे यहोवा मेरी सुन लेना! मैं तेरी विधियों को पकड़े रहूँगा।


पर यदि तुम इसे न सुनो, तो मैं अकेले में तुम्हारे गर्व के कारण रोऊँगा, और मेरी आँखों से आँसुओं की धारा बहती रहेगी, क्योंकि यहोवा की भेड़ें बँधुआ कर ली गई हैं।


“तू उन से यह बात कह, ‘मेरी आँखों से दिन रात आँसू लगातार बहते रहें, वे न रुकें क्योंकि मेरे लोगों की कुँवारी बेटी बहुत ही कुचली गई और घायल हुई है।


क्योंकि मैं ने ज़च्‍चा का शब्द, पहिलौठा जनती हुई स्त्री की सी चिल्‍लाहट सुनी है, यह सिय्योन की बेटी का शब्द है, जो हाँफती और हाथ फैलाए हुए यों कहती है, “हाय मुझ पर, मैं हत्यारों के हाथ पड़कर मूर्च्छित हो चली हूँ।”


भला होता कि मेरा सिर जल ही जल, और मेरी आँखें आँसुओं का सोता होतीं, कि मैं रात दिन अपने मारे हुए लोगों के लिये रोता रहता।


इन बातों के कारण मैं रोती हूँ; मेरी आँखों से आँसू की धारा बहती रहती है; क्योंकि जिस शान्तिदाता के कारण मेरा जी हरा भरा हो जाता था, वह मुझ से दूर हो गया; मेरे बच्‍चे अकेले हो गए, क्योंकि शत्रु प्रबल हुआ है।


रात को वह फूट फूटकर रोती है, उसके आँसू गालों पर ढलकते हैं; उसके सब यारों में से अब कोई उसे शान्ति नहीं देता; उसके सब मित्रों ने उससे विश्‍वासघात किया, और उसके शत्रु बन गए हैं।


यहोवा ने सिय्योन की कुमारी की शहरपनाह तोड़ डालने की ठान ली थी; उस ने डोरी डाली और अपना हाथ उसे नष्‍ट करने से नहीं खींचा; उसने किले और शहरपनाह दोनों से विलाप करवाया, वे दोनों एक साथ गिराए गए हैं।


वे मन से मेरी दोहाई नहीं देते, परन्तु अपने बिछौने पर पड़े हुए हाय, हाय, करते हैं; वे अन्न और नये दाखमधु पाने के लिये भीड़ लगाते, और मुझ से बलवा करते हैं।


क्योंकि घर की दीवार का पत्थर दोहाई देता है, और उसके छत की कड़ी उनके स्वर में स्वर मिलाकर उत्तर देती हैं।


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