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लैव्यव्यवस्था 25:35 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

35 “फिर यदि तेरा कोई भाईबन्धु कंगाल हो जाए, और उसकी दशा तेरे सामने तरस योग्य हो जाए, तो तू उसको सम्भालना; वह परदेशी या यात्री के समान तेरे संग रहे।

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पवित्र बाइबल

35 “सम्भवत: तुम्हारे देश का कोई व्यक्ति इतना अधिक गरीब हो जाए कि अपना भरण पोषण न कर सके। तुम उसे एक अतिथि की तरह जीवित रखोगे।

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Hindi Holy Bible

35 फिर यदि तेरा कोई भाईबन्धु कंगाल हो जाए, और उसकी दशा तेरे साम्हने तरस योग्य हो जाए, तो तू उसको संभालना; वह परदेशी वा यात्री की नाईं तेरे संग रहे।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

35 ‘यदि तुम्‍हारा जाति-भाई अथवा बहिन दरिद्र हो जाए, और वह अपना हाथ तुम्‍हारे सम्‍मुख फैलाए तो तुम उसको संभालना। वह प्रवासी अथवा अस्‍थायी प्रवासी के समान तुम्‍हारे साथ निवास करेगा।

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नवीन हिंदी बाइबल

35 “फिर यदि तेरा भाई दरिद्र हो जाए, और तुम्हारे बीच अपना भरण-पोषण न कर सके, तो तू उसे एक परदेशी या यात्री समझकर उसकी सहायता करना, और वह तेरे संग रहे।

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सरल हिन्दी बाइबल

35 “ ‘यदि तुम्हारा कोई भाई-बन्धु कंगाल हो जाए, और यदि वह अपना हाथ तुम्हारे सामने फैलाए, तो तुम उसकी ठीक उसी प्रकार सहायता करना, मानो वह कोई विदेशी अथवा यात्री हो ताकि वह तुम्हारे साथ रह सके.

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लैव्यव्यवस्था 25:35
36 क्रॉस रेफरेंस  

वरन् अपने शत्रुओं से प्रेम रखो, और भलाई करो, और फिर पाने की आशा न रखकर उधार दो; और तुम्हारे लिये बड़ा फल होगा, और तुम परमप्रधान के सन्तान ठहरोगे, क्योंकि वह उन पर जो धन्यवाद नहीं करते और बुरों पर भी कृपालु है।


पर जिस किसी के पास संसार की संपत्ति हो और वह अपने भाई को कंगाल देखकर उस पर तरस खाना न चाहे, तो उसमें परमेश्‍वर का प्रेम कैसे बना रह सकता है?


तब चेलों ने निर्णय किया कि हर एक अपनी–अपनी पूंजी के अनुसार यहूदिया में रहनेवाले भाइयों की सहायता के लिये कुछ भेजे।


जो कंगाल पर अंधेर करता, वह उसके कर्ता की निन्दा करता है, परन्तु जो दरिद्र पर अनुग्रह करता, वह उसकी महिमा करता है।


उसने उदारता से दरिद्रों को दान दिया, उसका धर्म सदा बना रहेगा; और उसका सींग महिमा के साथ ऊँचा किया जाएगा।


जो पुरुष अनुग्रह करता और उधार देता है, उसका कल्याण होता है, वह न्याय में अपने मुक़द्दमें को जीतेगा।


क्या ही धन्य है वह, जो कंगाल की सुधि रखता है! विपत्ति के दिन यहोवा उसको बचाएगा।


वह तो दिन भर अनुग्रह कर करके ऋण देता है, और उसके वंश पर आशीष फलती रहती है।


अतिथि–सत्कार करना न भूलना, क्योंकि इसके द्वारा कुछ लोगों ने अनजाने में स्वर्गदूतों का आदर–सत्कार किया है।


केवल यह कहा कि हम कंगालों की सुधि लें, और इसी काम को करने का मैं आप भी यत्न कर रहा था।


अब उस सेवा के विषय में जो पवित्र लोगों के लिये की जाती है, मुझे तुम को लिखना आवश्यक नहीं।


तुम हमारे प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह जानते हो कि वह धनी होकर भी तुम्हारे लिये कंगाल बन गया, ताकि उसके कंगाल हो जाने से तुम धनी हो जाओ।


परन्तु “यदि तेरा बैरी भूखा हो तो उसे खाना खिला, यदि प्यासा हो तो उसे पानी पिला; क्योंकि ऐसा करने से तू उसके सिर पर आग के अंगारों का ढेर लगाएगा।”


जहाँ तक हो सके, तुम भरसक सब मनुष्यों के साथ मेल मिलाप रखो।


पवित्र लोगों को जो कुछ आवश्यक हो, उसमें उनकी सहायता करो; पहुनाई करने में लगे रहो।


क्योंकि कंगाल तो तुम्हारे साथ सदा रहते हैं, परन्तु मैं तुम्हारे साथ सदा नहीं रहूँगा।”


कंगाल तुम्हारे साथ सदा रहते हैं, और तुम जब चाहो तब उनसे भलाई कर सकते हो; पर मैं तुम्हारे साथ सदा न रहूँगा।


क्योंकि मैं भूखा था, और तुमने मुझे खाने को दिया; मैं प्यासा था, और तुमने मुझे पानी पिलाया; मैं परदेशी था, और तुम ने मुझे अपने घर में ठहराया;


जो कंगाल पर अनुग्रह करता है, वह यहोवा को उधार देता है, और वह अपने इस काम का प्रतिफल पाएगा।


जो निर्धन को ठट्ठों में उड़ाता है, वह उसके कर्ता की निन्दा करता है; और जो किसी की विपत्ति पर हँसता है, वह निर्दोष नहीं ठहरेगा।


“यदि तेरा कोई भाईबन्धु कंगाल होकर अपनी निज भूमि में से कुछ बेच डाले, तो उसके कुटुम्बियों में से जो सबसे निकट हो वह आकर अपने भाईबन्धु के बेचे हुए भाग को छुड़ा ले।


जो परदेशी तुम्हारे संग रहे वह तुम्हारे लिये देशी के समान हो, और उससे अपने ही समान प्रेम रखना; क्योंकि तुम भी मिस्र देश में परदेशी थे; मैं तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा हूँ।


“परदेशी पर अन्धेर न करना; तुम तो परदेशी के मन की बातें जानते हो, क्योंकि तुम भी मिस्र देश में परदेशी थे।


“तुम परदेशी को न सताना और न उस पर अन्धेर करना, क्योंकि मिस्र देश में तुम भी परदेशी थे।


“यदि तू मेरी प्रजा में से किसी दीन को जो तेरे पास रहता हो रुपए का ऋण दे तो उससे महाजन के समान ब्याज न लेना।


“अपने किसी भाई को ब्याज पर ऋण न देना, चाहे रुपया हो, चाहे भोजनवस्तु हो, चाहे कोई वस्तु हो जो ब्याज पर दी जाती है, उसे ब्याज पर न देना।


तब लोग और उनकी स्त्रियों की ओर से उनके भाई यहूदियों के विरुद्ध बड़ी चिल्‍लाहट मची।


तब मेरा क्रोध भड़केगा, और मैं तुम को तलवार से मरवाऊँगा, और तुम्हारी पत्नियाँ विधवा और तुम्हारे बालक अनाथ हो जाएँगे।


कुछ कहते थे, “हम अपने अपने खेतों, दाख की बारियों और घरों को मँहगी के कारण बन्धक रखते हैं कि हमें अन्न मिले।”


“यदि मैं ने कंगालों की इच्छा पूरी न की हो, या मेरे कारण विधवा की आँखों में कभी निराशा छाई हो,


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