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रोमियों 2:11 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

11 क्योंकि परमेश्‍वर किसी का पक्षपात नहीं करता।

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पवित्र बाइबल

11 क्योंकि परमेश्वर किसी का पक्षपात नहीं करता।

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Hindi Holy Bible

11 क्योंकि परमेश्वर किसी का पक्ष नहीं करता।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

11 क्‍योंकि परमेश्‍वर किसी के साथ पक्षपात नहीं करता।

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11 क्योंकि परमेश्‍वर किसी का पक्षपात नहीं करता।

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11 पक्षपात परमेश्वर में है ही नहीं.

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रोमियों 2:11
14 क्रॉस रेफरेंस  

तब पतरस ने कहा, “अब मुझे निश्‍चय हुआ कि परमेश्‍वर किसी का पक्ष नहीं करता,


क्योंकि तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा वही ईश्‍वरों का परमेश्‍वर और प्रभुओं का प्रभु है, वह महान् पराक्रमी और भय योग्य ईश्‍वर है, जो किसी का पक्ष नहीं करता और न घूस लेता है।


फिर जो लोग कुछ समझे जाते थे (वे चाहे कैसे भी थे मुझे इस से कुछ काम नहीं; परमेश्‍वर किसी का पक्षपात नहीं करता) – उनसे जो कुछ समझे जाते थे, मुझे कुछ भी नहीं प्राप्‍त हुआ।


अब यहोवा का भय तुम में बना रहे; चौकसी से काम करना, क्योंकि हमारे परमेश्‍वर यहोवा में कुछ भी कुटिलता नहीं है, और न वह किसी का पक्ष करता और न घूस लेता है।”


परमेश्‍वर हाकिमों का पक्ष नहीं करता और धनी और कंगाल दोनों को अपने बनाए हुए जानकर उनमें कुछ भेद नहीं करता।


क्योंकि जो बुरा करता है वह अपनी बुराई का फल पाएगा, वहाँ किसी का पक्षपात नहीं।


तुम न्याय न बिगाड़ना; तू न तो पक्षपात करना; और न तो घूस लेना, क्योंकि घूस बुद्धिमान की आँखें अन्धी कर देती है, और धर्मियों की बातें पलट देती है।


हे स्वामियो, तुम भी धमकियाँ देना छोड़कर उनके साथ वैसा ही व्यवहार करो; क्योंकि तुम जानते हो कि उन का और तुम्हारा दोनों का स्वामी स्वर्ग में है, और वह किसी का पक्ष नहीं करता।


अत: उन्होंने अपने चेलों को हेरोदियों के साथ उसके पास यह कहने को भेजा, “हे गुरु, हम जानते हैं कि तू सच्‍चा है, और परमेश्‍वर का मार्ग सच्‍चाई से सिखाता है, और किसी की परवाह नहीं करता, क्योंकि तू मनुष्यों का मुँह देखकर बातें नहीं करता।


उन्होंने उससे यह पूछा, “हे गुरु, हम जानते हैं कि तू ठीक कहता और सिखाता भी है, और किसी का पक्षपात नहीं करता, वरन् परमेश्‍वर का मार्ग सच्‍चाई से बताता है।


और जब कि तुम ‘हे पिता’ कहकर उससे प्रार्थना करते हो, जो बिना पक्षपात हर एक के काम के अनुसार न्याय करता है, तो अपने परदेशी होने का समय भय से बिताओ।


इसलिये हम क्या कहें? क्या परमेश्‍वर के यहाँ अन्याय है? कदापि नहीं।


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