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रोमियों 12:8 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

8 जो उपदेशक हो, वह उपदेश देने में लगा रहे; दान देनेवाला उदारता से दे; जो अगुआई करे, वह उत्साह से करे; जो दया करे, वह हर्ष से करे।

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पवित्र बाइबल

8 यदि कोई सलाह देने को है तो उसे सलाह देनी चाहिए। यदि किसी को दान देने का उपहार मिला है तो उसे मुक्त भाव से दान देना चाहिए। यदि किसी को अगुआई करने का उपहार मिलता है तो वह लगन के साथ अगुआई करे, जिसे दया दिखाने को मिली है, वह प्रसन्नता से दया करे।

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Hindi Holy Bible

8 जो उपदेशक हो, वह उपदेश देने में लगा रहे; दान देनेवाला उदारता से दे, जो अगुआई करे, वह उत्साह से करे, जो दया करे, वह हर्ष से करे।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

8 उपदेशक उपदेश देने में लगे रहें। दान देने वाला उदारता से दे, अधिकारी यत्‍नपूर्वक नेतृत्‍व करे और परोपकारक सहर्ष परोपकार करे।

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नवीन हिंदी बाइबल

8 प्रोत्साहित करनेवाला हो तो प्रोत्साहित करे। दान देनेवाला उदारता से दे, नेतृत्व करनेवाला उत्साह से नेतृत्व करे, दया करनेवाला सहर्ष दया करे।

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सरल हिन्दी बाइबल

8 उपदेशक की, तो उपदेश देने में; सहायता की, तो बिना दिखावे के उदारतापूर्वक देने में; जिसे अगुवाई की, वह मेहनत के साथ अगुवाई करे तथा जिसे करुणाभाव की, वह इसका प्रयोग सहर्ष करे.

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रोमियों 12:8
57 क्रॉस रेफरेंस  

क्योंकि मैं जानता हूँ कि वह अपने पुत्रों और परिवार को, जो उसके पीछे रह जाएँगे, आज्ञा देगा कि वे यहोवा के मार्ग में अटल बने रहें, और धर्म और न्याय करते रहें; ताकि जो कुछ यहोवा ने अब्राहम के विषय में कहा है उसे पूरा करे।”


उसने उदारता से दरिद्रों को दान दिया, उसका धर्म सदा बना रहेगा; और उसका सींग महिमा के साथ ऊँचा किया जाएगा।


दुष्‍ट ऋण लेता है, और भरता नहीं, परन्तु धर्मी अनुग्रह करके दान देता है;


दया करनेवाले पर आशीष फलती है, क्योंकि वह कंगाल को अपनी रोटी में से देता है।


भोर को अपना बीज बो, और साँझ को भी अपना हाथ न रोक; क्योंकि तू नहीं जानता कि कौन सफल होगा, यह या वह, या दोनों के दोनों अच्छे निकलेंगे।


जो काम तुझे मिले उसे अपनी शक्‍ति भर करना, क्योंकि अधोलोक में जहाँ तू जानेवाला है, न काम न युक्‍ति न ज्ञान और न बुद्धि है।


मूढ़ फिर उदार न कहलाएगा और न कंजूस दानी कहा जाएगा।


परन्तु उदार मनुष्य उदारता ही की युक्‍तियाँ निकालता है, वह उदारता में स्थिर भी रहेगा।


तू तो उन्हीं से मिलता है जो धर्म के काम हर्ष के साथ करते, और तेरे मार्गों पर चलते हुए तुझे स्मरण करते हैं। देख, तू क्रोधित हुआ था, क्योंकि हम ने पाप किया; हमारी यह दशा तो बहुत समय से है, क्या हमारा उद्धार हो सकता है?


तब राजा उन्हें उत्तर देगा, ‘मैं तुम से सच कहता हूँ कि तुमने जो मेरे इन छोटे से छोटे भाइयों में से किसी एक के साथ किया, वह मेरे ही साथ किया।’


वह वहाँ पहुँचकर और परमेश्‍वर के अनुग्रह को देखकर आनन्दित हुआ, और सब को उपदेश दिया कि तन मन लगाकर प्रभु से लिपटे रहो।


तब हाकिम ने जो हुआ था उसे देखकर और प्रभु के उपदेश से चकित होकर विश्‍वास किया।


व्यवस्था और भविष्यद्वक्‍ताओं की पुस्तक से पढ़ने के बाद आराधनालय के सरदारों ने उनके पास कहला भेजा, “हे भाइयो, यदि लोगों के उपदेश के लिये तुम्हारे मन में कोई बात हो तो कहो।”


यहूदा और सीलास ने जो आप भी भविष्यद्वक्‍ता थे, बहुत बातों से भाइयों को उपदेश देकर स्थिर किया।


उस सारे प्रदेश में से होकर और चेलों को बहुत उत्साहित कर वह यूनान में आया।


इसलिये अपनी और पूरे झुण्ड की चौकसी करो जिसमें पवित्र आत्मा ने तुम्हें अध्यक्ष ठहराया है, कि तुम परमेश्‍वर की कलीसिया की रखवाली करो, जिसे उसने अपने लहू से मोल लिया है।


यूसुफ नाम साइप्रस का एक लेवी था जिसका नाम प्रेरितों ने बरनबास (अर्थात् शान्ति का पुत्र) रखा था।


पवित्र लोगों को जो कुछ आवश्यक हो, उसमें उनकी सहायता करो; पहुनाई करने में लगे रहो।


इसलिये कर भी दो क्योंकि शासन करनेवाले परमेश्‍वर के सेवक हैं और सदा इसी काम में लगे रहते हैं।


और परमेश्‍वर ने कलीसिया में अलग अलग व्यक्‍ति नियुक्‍त किए हैं : प्रथम प्रेरित, दूसरे भविष्यद्वक्‍ता, तीसरे शिक्षक, फिर सामर्थ्य के काम करनेवाले, फिर चंगा करनेवाले, और उपकार करनेवाले, और प्रबन्ध करनेवाले, और नाना प्रकार की भाषा बोलनेवाले।


परन्तु जो भविष्यद्वाणी करता है, वह मनुष्यों से उन्नति और उपदेश और शान्ति की बातें कहता है।


क्योंकि हम अपने विवेक की इस गवाही पर घमण्ड करते हैं, कि जगत में और विशेष करके तुम्हारे बीच, हमारा चरित्र परमेश्‍वर के योग्य ऐसी पवित्रता और सच्‍चाई सहित था, जो शारीरिक ज्ञान से नहीं परन्तु परमेश्‍वर के अनुग्रह के साथ था।


परन्तु मैं डरता हूँ कि जैसे साँप ने अपनी चतुराई से हव्वा को बहकाया, वैसे ही तुम्हारे मन उस सीधाई और पवित्रता से जो मसीह के साथ होनी चाहिए, कहीं भ्रष्‍ट न किए जाएँ।


क्योंकि यदि मन की तैयारी हो तो दान उसके अनुसार ग्रहण भी होता है जो उसके पास है, न कि उसके अनुसार जो उसके पास नहीं।


तुम हर बात में सब प्रकार की उदारता के लिये जो हमारे द्वारा परमेश्‍वर का धन्यवाद करवाती है, धनवान किए जाओ।


क्योंकि इस सेवा को प्रमाण स्वीकार कर वे परमेश्‍वर की महिमा प्रगट करते हैं कि तुम मसीह के सुसमाचार को मान कर उसके अधीन रहते हो, और उनकी और सब की सहायता करने में उदारता प्रगट करते रहते हो।


हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करे; न कुढ़ कुढ़ के और न दबाव से, क्योंकि परमेश्‍वर हर्ष से देनेवाले से प्रेम रखता है।


हे दासो, जो लोग इस संसार में तुम्हारे स्वामी हैं, अपने मन की सीधाई से डरते और काँपते हुए, जैसे मसीह की वैसे ही उनकी भी आज्ञा मानो।


वरन् अपनी भेड़–बकरियों, और खलिहान, और दाखमधु के कुण्ड में से उसको बहुतायत से देना; तेरे परमेश्‍वर यहोवा ने तुझे जैसी आशीष दी हो उसी के अनुसार उसे देना।


और उस स्थान में जो तेरा परमेश्‍वर यहोवा अपने नाम का निवास करने को चुन ले अपने अपने बेटे–बेटियों, दास–दासियों समेत तू और तेरे फाटकों के भीतर जो लेवीय हों, और जो जो परदेशी, और अनाथ, और विधवाएँ तेरे बीच में हों, वे सब के सब अपने परमेश्‍वर यहोवा के सामने आनन्द करें।


हे सेवको, जो शरीर के अनुसार तुम्हारे स्वामी हैं, सब बातों में उनकी आज्ञा का पालन करो, मनुष्यों को प्रसन्न करनेवालों के समान दिखाने के लिये नहीं, परन्तु मन की सीधाई और परमेश्‍वर के भय से।


क्योंकि हमारा उपदेश न भ्रम से है और न अशुद्धता से, और न छल के साथ है;


और वैसे ही हम तुम्हारी लालसा करते हुए, न केवल परमेश्‍वर का सुसमाचार पर अपना अपना प्राण भी तुम्हें देने को तैयार थे, इसलिये कि तुम हमारे प्रिय हो गए थे।


जब तक मैं न आऊँ, तब तक पढ़ने और उपदेश देने और सिखाने में लौलीन रह।


जो प्राचीन अच्छा प्रबन्ध करते हैं, विशेष करके वे जो वचन सुनाने और सिखाने में परिश्रम करते हैं, दो गुने आदर के योग्य समझे जाएँ।


वे भलाई करें, और भले कामों में धनी बनें, और उदार और सहायता देने में तत्पर हों,


और एक दूसरे के साथ इकट्ठा होना न छोड़ें, जैसे कि कितनों की रीति है, पर एक दूसरे को समझाते रहें; और ज्यों ज्यों उस दिन को निकट आते देखो त्यों–त्यों और भी अधिक यह किया करो।


अपने अगुवों की आज्ञा मानो और उनके अधीन रहो, क्योंकि वे उनके समान तुम्हारे प्राणों के लिये जागते रहते हैं जिन्हें लेखा देना पड़ेगा; वे यह काम आनन्द से करें, न कि ठंडी साँस ले लेकर, क्योंकि इस दशा में तुम्हें कुछ लाभ नहीं।


हे भाइयो, मैं तुम से विनती करता हूँ कि इस उपदेश की बातों को सह लो, क्योंकि मैं ने तुम्हें बहुत संक्षेप में लिखा है।


अपने सब अगुवों और सब पवित्र लोगों को नमस्कार कहो। इटलीवाले तुम्हें नमस्कार कहते हैं।


जो तुम्हारे अगुवे थे, और जिन्होंने तुम्हें परमेश्‍वर का वचन सुनाया है, उन्हें स्मरण रखो; और ध्यान से उनके चालचलन का अन्त देखकर उनके विश्‍वास का अनुकरण करो।


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