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यूहन्ना 16:20 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

20 मैं तुम से सच सच कहता हूँ कि तुम रोओगे और विलाप करोगे, परन्तु संसार आनन्द करेगा; तुम्हें शोक होगा, परन्तु तुम्हारा शोक आनन्द में बदल जाएगा।

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पवित्र बाइबल

20 मैं तुम्हें सत्य कहता हूँ, तुम विलाप करोगे और रोओगे किन्तु यह जगत प्रसन्न होगा। तुम्हें शोक होगा किन्तु तुम्हारा शोक आनन्द में बदल जायेगा।

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Hindi Holy Bible

20 मैं तुम से सच सच कहता हूं; कि तुम रोओगे और विलाप करोगे, परन्तु संसार आनन्द करेगा: तुम्हें शोक होगा, परन्तु तुम्हारा शोक आनन्द बन जाएगा।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

20 मैं तुम से सच-सच कहता हूँ : तुम रोओगे और विलाप करोगे, परन्‍तु संसार आनन्‍द मनाएगा। तुम शोक करोगे, किन्‍तु तुम्‍हारा शोक आनन्‍द में बदल जाएगा।

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नवीन हिंदी बाइबल

20 मैं तुमसे सच-सच कहता हूँ कि तुम रोओगे और विलाप करोगे, परंतु संसार आनंदित होगा; तुम शोकित होगे, परंतु तुम्हारा शोक आनंद में बदल जाएगा।

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सरल हिन्दी बाइबल

20 मैं तुम पर यह अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूं: तुम रोओगे और विलाप करोगे जबकि संसार आनंद मना रहा होगा. तुम शोकाकुल होगे किंतु तुम्हारा शोक आनंद में बदल जाएगा.

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यूहन्ना 16:20
44 क्रॉस रेफरेंस  

कि दुष्‍टों का ताली बजाना जल्दी बन्द हो जाता और भक्‍तिहीनों का आनन्द पल भर का होता है?


तू ने मेरे लिये विलाप को नृत्य में बदल डाला; तू ने मेरा टाट उतरवाकर मेरी कमर में आनन्द का पटुका बाँधा है,


क्योंकि उसका क्रोध तो क्षण भर का होता है, परन्तु उसकी प्रसन्नता जीवन भर की होती है। कदाचित् रात को रोना पड़े, परन्तु सबेरे आनन्द पहुँचेगा।


धर्मी के लिये ज्योति, और सीधे मनवालों के लिये आनन्द बोया गया है।


उस दिन तू कहेगा, “हे यहोवा, मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ, क्योंकि यद्यपि तू मुझ पर क्रोधित हुआ था, परन्तु अब तेरा क्रोध शान्त हुआ, और तू ने मुझे शान्ति दी है।


और सिय्योन के विलाप करनेवालों के सिर पर की राख दूर करके सुन्दर पगड़ी बाँध दूँ, कि उनका विलाप दूर करके हर्ष का तेल लगाऊँ और उनकी उदासी हटाकर यश का ओढ़ना ओढ़ाऊँ; जिस से वे धर्म के बांजवृक्ष और यहोवा के लगाए हुए कहलाएँ और जिससे उसकी महिमा प्रगट हो।


तुम जो यहोवा का वचन सुनकर थरथराते हो यहोवा का वचन सुनो : “तुम्हारे भाई जो तुम से बैर रखते और मेरे नाम के निमित्त तुम को अलग कर देते हैं उन्होंने कहा है, ‘यहोवा की महिमा बढ़े जिस से हम तुम्हारा आनन्द देखने पाएँ;’ परन्तु उन्हीं को लज्जित होना पड़ेगा।


क्योंकि मैं ने थके हुए लोगों का प्राण तृप्‍त किया, और उदास लोगों के प्राण को भर दिया है।”


परन्तु किसानों ने पुत्र को देखकर आपस में कहा, ‘यह तो वारिस है, आओ, इसे मार डालें और इसकी मीरास ले लें।’


“धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं, क्योंकि वे शांति पाएँगे।


तब तुरन्त दूसरी बार मुर्ग़ ने बाँग दी। पतरस को वह बात जो यीशु ने उससे कही थी स्मरण आई : “मुर्ग़ के दो बार बाँग देने से पहले तू तीन बार मेरा इन्कार करेगा।” और वह इस बात को सोचकर रोने लगा।


उसने जाकर यीशु के साथियों को जो शोक में डूबे हुए थे और रो रहे थे, समाचार दिया।


तब वह प्रार्थना से उठा और अपने चेलों के पास आकर उन्हें उदासी के मारे सोता पाया


और वह बाहर निकलकर फूट–फूट कर रोया।


लोगों की बड़ी भीड़ उसके पीछे हो ली और उसमें बहुत सी स्त्रियाँ भी थीं जो उसके लिये छाती–पीटती और विलाप करती थीं।


उसने उन से पूछा, “ये क्या बातें हैं, जो तुम चलते चलते आपस में करते हो?” वे उदास से खड़े रह गए।


परन्तु हमें आशा थी कि यही इस्राएल को छुटकारा देगा। इन सब बातों के सिवाय इस घटना को हुए तीसरा दिन है,


“धन्य हो तुम जो अब भूखे हो, क्योंकि तृप्‍त किए जाओगे। “धन्य हो तुम जो अब रोते हो, क्योंकि हँसोगे।


मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कहीं हैं कि तुम्हें मुझ में शान्ति मिले। संसार में तुम्हें क्लेश होता है, परन्तु ढाढ़स बाँधो, मैं ने संसार को जीत लिया है।”


परन्तु मैं ने जो ये बातें तुम से कहीं हैं, इसलिये तुम्हारा मन शोक से भर गया है।


और यह कहकर उसने अपना हाथ और अपना पंजर उनको दिखाए। तब चेले प्रभु को देखकर आनन्दित हुए।


वे इस बात से आनन्दित होकर महासभा के सामने से चले गए, कि हम उसके नाम के लिये अपमानित होने के योग्य तो ठहरे।


केवल यही नहीं, परन्तु हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा, जिसके द्वारा हमारा मेल हुआ है, परमेश्‍वर में आनन्दित होते हैं।


शोक करनेवालों के समान हैं, परन्तु सर्वदा आनन्द करते हैं; कंगालों के समान हैं, परन्तु बहुतों को धनवान बना देते हैं; ऐसे हैं जैसे हमारे पास कुछ नहीं तौभी सब कुछ रखते हैं।


पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, शान्ति, धीरज, कृपा, भलाई, विश्‍वास,


तुम बड़े क्लेश में, पवित्र आत्मा के आनन्द के साथ, वचन को मानकर हमारी और प्रभु की सी चाल चलने लगे।


हे मेरे भाइयो, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो, तो इसको पूरे आनन्द की बात समझो,


अब जो तुम्हें ठोकर खाने से बचा सकता है, और अपनी महिमा की भरपूरी के सामने मगन और निर्दोष करके खड़ा कर सकता है,


पृथ्वी के रहनेवाले उनके मरने से आनन्दित और मगन होंगे, और एक दूसरे के पास भेंट भेजेंगे, क्योंकि इन दोनों भविष्यद्वक्‍ताओं ने पृथ्वी के रहनेवालों को सताया था।


जितनी उसने अपनी बड़ाई की और सुख– विलास किया, उतनी उसको पीड़ा और शोक दो; क्योंकि वह अपने मन में कहती है, ‘मैं रानी हो बैठी हूँ, विधवा नहीं; और शोक में कभी न पड़ूँगी।’


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