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यूहन्ना 1:29 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

29 दूसरे दिन उसने यीशु को अपनी ओर आते देखकर कहा, “देखो, यह परमेश्‍वर का मेम्ना है जो जगत का पाप उठा ले जाता है।

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पवित्र बाइबल

29 अगले दिन यूहन्ना ने यीशु को अपनी तरफ आते देखा और कहा, “परमेश्वर के मेमने को देखो जो जगत के पाप को हर ले जाता है।

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Hindi Holy Bible

29 दूसरे दिन उस ने यीशु को अपनी ओर आते देखकर कहा, देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है, जो जगत के पाप उठा ले जाता है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

29 दूसरे दिन योहन ने येशु को अपनी ओर आते देखा और कहा, “देखो, परमेश्‍वर का मेमना, जो संसार का पाप हरता है।

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नवीन हिंदी बाइबल

29 अगले दिन उसने यीशु को अपनी ओर आते हुए देखकर कहा, “देखो, परमेश्‍वर का मेमना, जो जगत का पाप उठा ले जाता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

29 अगले दिन योहन ने मसीह येशु को अपनी ओर आते हुए देखकर भीड़ से कहा, “वह देखो! परमेश्वर का मेमना, जो संसार के पाप का उठानेवाला है!

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

29 दूसरे दिन उसने यीशु को अपनी ओर आते देखकर कहा, “देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है, जो जगत के पाप हरता है। (1 पत. 1:19, यशा. 53:7)

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यूहन्ना 1:29
65 क्रॉस रेफरेंस  

वह हारून के माथे पर रहे, इसलिये कि इस्राएली जो कुछ पवित्र ठहराएँ, अर्थात् जितनी पवित्र वस्तुएँ भेंट में चढ़ावें उन पवित्र वस्तुओं का दोष हारून उठाए रहे, और वह नित्य उसके माथे पर रहे, जिससे यहोवा उनसे प्रसन्न रहे।


तौभी यहोवा को यही भाया कि उसे कुचले; उसी ने उसको रोगी कर दिया; जब वह अपना प्राण दोषबलि करे, तब वह अपना वंश देखने पाएगा, वह बहुत दिन जीवित रहेगा; उसके हाथ से यहोवा की इच्छा पूरी हो जाएगी।


वह अपने प्राणों का दु:ख उठाकर उसे देखेगा और तृप्‍त होगा; अपने ज्ञान के द्वारा मेरा धर्मी दास बहुतेरों को धर्मी ठहराएगा; और उनके अधर्म के कामों का बोझ आप उठा लेगा।


वह सताया गया, तौभी वह सहता रहा और अपना मुँह न खोला; जिस प्रकार भेड़ वध होने के समय और भेड़ी ऊन कतरने के समय चुपचाप शान्त रहती है, वैसे ही उसने भी अपना मुँह न खोला।


बातें सीखकर और यहोवा की ओर लौटकर, उससे कह, “सब अधर्म दूर कर; अनुग्रह से हम को ग्रहण कर; तब हम धन्यवाद रूपी बलि चढ़ाएँगे।


“पापबलि जो परमपवित्र है और जिसे यहोवा ने तुम्हें इसलिये दिया है कि तुम मण्डली के अधर्म का भार अपने पर उठाकर उनके लिये यहोवा के सामने प्रायश्‍चित्त करो, तुम ने उसका मांस पवित्रस्थान में क्यों नहीं खाया?


“उस समय दाऊद के घराने और यरूशलेम के निवासियों के लिये पाप और मलिनता धोने के निमित्त एक बहता हुआ सोता फूटेगा।


फिर यहोवा ने हारून से कहा, “पवित्रस्थान के अधर्म का भार तुझ पर, और तेरे पुत्रों और तेरे पिता के घराने पर होगा; और तुम्हारे याजककर्म के अधर्म का भार भी तेरे पुत्रों पर होगा।


परन्तु लेवी मिलापवाले तम्बू की सेवा किया करें, और उनके अधर्म का भार वे ही उठाया करें; यह तुम्हारी पीढ़ियों में सदा की विधि ठहरे; और इस्राएलियों के बीच उनका कोई निज भाग न होगा।


अत: मूसा ने पीतल का एक साँप बनवाकर खम्भे पर लटकाया; तब साँप के डसे हुओं में से जिस जिस ने उस पीतल के साँप की ओर देखा वह जीवित बच गया।


होमबलि के लिये एक बछड़ा, एक मेढ़ा, और एक वर्ष का एक भेड़ी का बच्‍चा;


होमबलि के लिये एक बछड़ा, और एक मेढ़ा, और एक वर्ष का एक भेड़ी का बच्‍चा;


वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना, क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्धार करेगा।”


जैसे कि मनुष्य का पुत्र; वह इसलिये नहीं आया कि उसकी सेवा टहल की जाए, परन्तु इसलिये आया कि आप सेवा टहल करे, और बहुतों की छुड़ौती के लिये अपने प्राण दे।”


दूसरे दिन फिर यूहन्ना और उसके चेलों में से दो जन खड़े हुए थे,


और उसने यीशु पर जो जा रहा था, दृष्‍टि करके कहा, “देखो, यह परमेश्‍वर का मेम्ना है।”


दूसरे दिन यीशु ने गलील को जाना चाहा। वह फिलिप्पुस से मिला और कहा, “मेरे पीछे हो ले।”


फिर तीसरे दिन गलील के काना में किसी का विवाह था, और यीशु की माता भी वहाँ थी।


“क्योंकि परमेश्‍वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्‍वास करे वह नष्‍ट न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।


और उस स्त्री से कहा, “अब हम तेरे कहने ही से विश्‍वास नहीं करते; क्योंकि हम ने आप ही सुन लिया, और जानते हैं कि यही सचमुच में जगत का उद्धारकर्ता है।”


जीवन की रोटी जो स्वर्ग से उतरी, मैं हूँ। यदि कोई इस रोटी में से खाए, तो सर्वदा जीवित रहेगा; और जो रोटी मैं जगत के जीवन के लिये दूँगा, वह मेरा मांस है।”


और जिन बातों में तुम मूसा की व्यवस्था के द्वारा निर्दोष नहीं ठहर सकते थे, उन्हीं सब में हर एक विश्‍वास करनेवाला उसके द्वारा निर्दोष ठहरता है।


पवित्रशास्त्र का जो अध्याय वह पढ़ रहा था, वह यह था : “वह भेड़ के समान वध होने को पहुँचाया गया, और जैसा मेम्ना अपने ऊन कतरनेवालों के सामने चुपचाप रहता है, वैसे ही उसने भी अपना मुँह न खोला।


इसी कारण मैं ने सबसे पहले तुम्हें वही बात पहुँचा दी, जो मुझे पहुँची थी कि पवित्रशास्त्र के वचन के अनुसार यीशु मसीह हमारे पापों के लिये मर गया,


जो पाप से अज्ञात था, उसी को उसने हमारे लिये पाप ठहराया कि हम उसमें होकर परमेश्‍वर की धार्मिकता बन जाएँ।


उसी ने अपने आप को हमारे पापों के लिये दे दिया, ताकि हमारे परमेश्‍वर और पिता की इच्छा के अनुसार हमें इस वर्तमान बुरे संसार से छुड़ाए।


मसीह ने जो हमारे लिये शापित बना, हमें मोल लेकर व्यवस्था के शाप से छुड़ाया, क्योंकि लिखा है, “जो कोई काठ पर लटकाया जाता है वह शापित है।”


जिसने अपने आप को सब के छुटकारे के दाम में दे दिया, और उसकी गवाही ठीक समय पर दी गई।


जिस ने अपने आप को हमारे लिये दे दिया कि हमें हर प्रकार के अधर्म से छुड़ा ले, और शुद्ध करके अपने लिये एक ऐसी जाति बना ले जो भले–भले कामों में सरगर्म हो।


वह उसकी महिमा का प्रकाश और उसके तत्व की छाप है, और सब वस्तुओं को अपनी सामर्थ्य के वचन से संभालता है। वह पापों को धोकर ऊँचे स्थानों पर महामहिमन् के दाहिने जा बैठा;


इस कारण उस को चाहिए था, कि सब बातों में अपने भाइयों के समान बने; जिससे वह उन बातों में जो परमेश्‍वर से सम्बन्ध रखती हैं, एक दयालु और विश्‍वासयोग्य महायाजक बने ताकि लोगों के पापों के लिये प्रायश्‍चित करे।


वैसे ही मसीह भी बहुतों के पापों को उठा लेने के लिये एक बार बलिदान हुआ; और जो लोग उसकी बाट जोहते हैं उनके उद्धार के लिये दूसरी बार बिना पाप उठाए हुए दिखाई देगा।


पर निर्दोष और निष्कलंक मेम्ने, अर्थात् मसीह के बहुमूल्य लहू के द्वारा हुआ।


वह आप ही हमारे पापों को अपनी देह पर लिये हुए क्रूस पर चढ़ गया, जिससे हम पापों के लिये मरकर धार्मिकता के लिये जीवन बिताएँ : उसी के मार खाने से तुम चंगे हुए।


इसलिये कि मसीह ने भी, अर्थात् अधर्मियों के लिये धर्मी ने, पापों के कारण एक बार दु:ख उठाया, ताकि हमें परमेश्‍वर के पास पहुँचाए; वह शरीर के भाव से तो घात किया गया, पर आत्मा के भाव से जिलाया गया।


और वही हमारे पापों का प्रायश्‍चित है, और केवल हमारे ही नहीं वरन् सारे जगत के पापों का भी।


तुम जानते हो कि वह इसलिये प्रगट हुआ कि पापों को हर ले जाए; और उसके स्वभाव में पाप नहीं।


प्रेम इस में नहीं कि हम ने परमेश्‍वर से प्रेम किया, पर इस में है कि उसने हम से प्रेम किया और हमारे पापों के प्रायश्‍चित के लिये अपने पुत्र को भेजा।


और यीशु मसीह की ओर से जो विश्‍वसायोग्य साक्षी और मरे हुओं में से जी उठनेवालों में पहिलौठा और पृथ्वी के राजाओं का हाकिम है, तुम्हें अनुग्रह और शान्ति मिलती रहे। वह हम से प्रेम रखता है, और उसने अपने लहू के द्वारा हमें पापों से छुड़ाया है,


वे मेम्ने के लहू के कारण और अपनी गवाही के वचन के कारण उस पर जयवन्त हुए, और उन्होंने अपने प्राणों को प्रिय न जाना, यहाँ तक कि मृत्यु भी सह ली।


पृथ्वी के वे सब रहनेवाले, जिनके नाम उस मेम्ने के जीवन की पुस्तक में लिखे नहीं गए जो जगत की उत्पत्ति के समय से घात हुआ है, उस पशु की पूजा करेंगे।


फिर मैं ने दृष्‍टि की, और देखो, वह मेम्ना सिय्योन पहाड़ पर खड़ा है, और उसके साथ एक लाख चौवालीस हज़ार जन हैं, जिनके माथे पर उसका और उसके पिता का नाम लिखा हुआ है।


वह परमेश्‍वर के प्रकोप की निरी मदिरा, जो उसके क्रोध के कटोरे में डाली गई है, पीएगा और पवित्र स्वर्गदूतों के सामने और मेम्ने के सामने आग और गन्धक की पीड़ा में पड़ेगा।


ये वे हैं जो स्त्रियों के साथ अशुद्ध नहीं हुए, पर कुँवारे हैं; ये वे ही हैं कि जहाँ कहीं मेम्ना जाता है, वे उसके पीछे हो लेते हैं; ये तो परमेश्‍वर के निमित्त पहले फल होने के लिये मनुष्यों में से मोल लिए गए हैं।


वे परमेश्‍वर के दास मूसा का गीत, और मेम्ने का गीत गा गाकर कहते थे, “हे सर्वशक्‍तिमान प्रभु परमेश्‍वर, तेरे कार्य महान् और अद्भुत हैं; हे युग–युग के राजा, तेरी चाल ठीक और सच्‍ची है”।


वे मेम्ने से लड़ेंगे, और मेम्ना उन पर जय पाएगा, क्योंकि वह प्रभुओं का प्रभु और राजाओं का राजा है, और जो बुलाए हुए और चुने हुए और विश्‍वासी हैं वे उसके साथ हैं; वे भी जय पाएँगे।”


आओ, हम आनन्दित और मगन हों, और उसकी स्तुति करें, क्योंकि मेम्ने का विवाह आ पहुँचा है, और उसकी दुल्हिन ने अपने आप को तैयार कर लिया है।


तब स्वर्गदूत ने मुझ से कहा, “यह लिख, कि धन्य वे हैं, जो मेम्ने के विवाह के भोज में बुलाए गए हैं।” फिर उसने मुझ से कहा, “ये वचन परमेश्‍वर के सत्य वचन हैं।”


नगर की शहरपनाह की बारह नींवे थीं, और उन पर मेम्ने के बारह प्रेरितों के बारह नाम लिखे थे।


परन्तु उसमें कोई अपवित्र वस्तु, या घृणित काम करनेवाला, या झूठ का गढ़नेवाला किसी रीति से प्रवेश न करेगा, पर केवल वे लोग जिनके नाम मेम्ने के जीवन की पुस्तक में लिखे हैं।


फिर जिन सात स्वर्गदूतों के पास सात अन्तिम विपत्तियों से भरे हुए सात कटोरे थे, उनमें से एक मेरे पास आया, और मेरे साथ बातें करके कहा, “इधर आ, मैं तुझे दुल्हिन अर्थात् मेम्ने की पत्नी दिखाऊँगा।”


तब मैं ने उस सिंहासन और चारों प्राणियों और उन प्राचीनों के बीच में, मानो एक वध किया हुआ मेम्ना खड़ा देखा। उसके सात सींग और सात आँखें थीं; ये परमेश्‍वर की सातों आत्माएँ हैं जो सारी पृथ्वी पर भेजी गई हैं।


जब उसने पुस्तक ले ली, तो वे चारों प्राणी और चौबीसों प्राचीन उस मेम्ने के सामने गिर पड़े। उनमें से हर एक के हाथ में वीणा और धूप, जो पवित्र लोगों की प्रार्थनाएँ हैं, से भरे हुए सोने के कटोरे थे।


फिर मैं ने देखा कि मेम्ने ने उन सात मुहरों में से एक को खोला; और उन चारों प्राणियों में से एक का गर्जन का सा शब्द सुना, “आ!”


और पहाड़ों और चट्टानों से कहने लगे, “हम पर गिर पड़ो; और हमें उसके मुँह से जो सिंहासन पर बैठा है, और मेम्ने के प्रकोप से छिपा लो।


मैं ने उससे कहा, “हे स्वामी, तू ही जानता है।” उसने मुझ से कहा, “ये वे हैं, जो उस महाक्लेश में से निकलकर आए हैं; इन्होंने अपने–अपने वस्त्र मेम्ने के लहू में धोकर श्‍वेत किए हैं।


क्योंकि मेम्ना जो सिंहासन के बीच में है उनकी रखवाली करेगा, और उन्हें जीवन रूपी जल के सोतों के पास ले जाया करेगा; और परमेश्‍वर उनकी आँखों से सब आँसू पोंछ डालेगा।


हमारे पर का पालन करें:

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