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यिर्मयाह 20:18 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

18 मैं क्यों उत्पात और शोक भोगने के लिये जन्मा और कि अपने जीवन में परिश्रम और दु:ख देखूँ, और अपने दिन नामधराई में व्यतीत करूँ?

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पवित्र बाइबल

18 मुझे माँ के पेट से बाहर क्यों आना पड़ा जो कुछ मैंने पाया है वह परेशानी और दु:ख है और मेरे जीवन का अन्त लज्जाजनक होगा।

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Hindi Holy Bible

18 मैं क्यों उत्पात और शोक भोगने के लिये जन्मा और कि अपने जीवन में परिश्रम और दु:ख देखूं, और अपने दिन नामधराई में व्यतीत करूं?

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

18 प्रभु, मैं अपनी मां के पेट से बाहर क्‍यों आया? क्‍या कष्‍ट और दु:ख का जीवन बिताने के लिए? क्‍या मैं अपमान और निन्‍दा में अपना जीवन बिताता रहूंगा?

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सरल हिन्दी बाइबल

18 मैं गर्भ से बाहर ही क्यों आ गया कि संकट और शोक देखूं, कि मेरे जीवन के दिन लज्जा में जिए जाएं?

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

18 मैं क्यों उत्पात और शोक भोगने के लिये जन्मा और कि अपने जीवन में परिश्रम और दुःख देखूँ, और अपने दिन नामधराई में व्यतीत करूँ?

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यिर्मयाह 20:18
27 क्रॉस रेफरेंस  

परन्तु वह स्वयं जंगल में एक दिन के मार्ग पर जाकर एक झाऊ के पेड़ के तले बैठ गया, वहाँ उसने यह कह कर अपनी मृत्यु माँगी, “हे यहोवा, बस है; अब मेरा प्राण ले ले, क्योंकि मैं अपने पुरखाओं से अच्छा नहीं हूँ।”


“मनुष्य जो स्त्री से उत्पन्न होता है, वह थोड़े दिनों का और दु:ख से भरा रहता है।


भला होता कि तू मुझे अधोलोक में छिपा लेता, और जब तक तेरा कोप ठंडा न हो जाए तब तक मुझे छिपाए रखता, और मेरे लिये समय नियुक्‍त करके फिर मेरी सुधि लेता।


“दु:खियों को उजियाला, और उदास मनवालों को जीवन क्यों दिया जाता है?


परन्तु जैसे चिंगारियाँ ऊपर ही ऊपर को उड़ जाती हैं, वैसे ही मनुष्य कष्‍ट भोगने के लिये उत्पन्न हुआ है।


क्योंकि मेरे दिन धूएँ के समान उड़े जाते हैं, और मेरी हड्डियाँ लुकटी के समान जल गई हैं।


मेरी नामधराई और लज्जा और अनादर को तू जानता है : मेरे सब द्रोही तेरे सामने हैं।


पाँव से सिर तक कहीं भी कुछ आरोग्यता नहीं, केवल चोट और कोड़े की मार के चिह्न और सड़े हुए घाव हैं जो न दबाये गए, न बाँधे गए, न तेल लगाकर नरमाए गए हैं।


“हे धर्म के जाननेवालो, जिनके मन में मेरी व्यवस्था है, तुम कान लगाकर मेरी सुनो; मनुष्यों की नामधराई से मत डरो, और उनके निन्दा करने से विस्मित न हो।


हे मेरी माता, मुझ पर हाय, कि तू ने मुझ जैसे मनुष्य को उत्पन्न किया जो संसार भर से झगड़ा और वादविवाद करनेवाला ठहरा है! न तो मैं ने ब्याज के लिये रुपये दिए, और न किसी से उधार लिए हैं, तौभी लोग मुझे कोसते हैं।


मेरी पीड़ा क्यों लगातार बनी रहती है? मेरी चोट की क्यों कोई औषधि नहीं है? क्या तू सचमुच मेरे लिये धोखा देनेवाली नदी और सूखनेवाले जल के समान होगा?


हम लज्जित होकर लेट जाएँ, और हमारा संकोच हमारी ओढ़नी बन जाए; क्योंकि हमारे पुरखा और हम भी युवा अवस्था से लेकर आज के दिन तक अपने परमेश्‍वर यहोवा के विरुद्ध पाप करते आए हैं; और हम ने अपने परमेश्‍वर यहोवा की बातों को नहीं माना है।”


हाय! हाय! इस शोक की दशा में मुझे शान्ति कहाँ से मिलेगी? मेरा हृदय भीतर ही भीतर तड़पता है!


हे सब बटोहियो, क्या तुम्हें इस बात की कुछ भी चिन्ता नहीं? दृष्‍टि करके देखो, क्या मेरे दु:ख से बढ़कर कोई और पीड़ा है जो यहोवा ने अपने क्रोध के दिन मुझ पर डाल दी है?


उसके रोष की छड़ी से दु:ख भोगनेवाला पुरुष मैं ही हूँ;


तू मुझे अनर्थ काम क्यों दिखाता है? क्या कारण है कि तू उत्पात को देखता ही रहता है? मेरे सामने लूट–पाट और उपद्रव होते रहते हैं; और झगड़ा हुआ करता है और वादविवाद बढ़ता जाता है।


मैं तुम से सच सच कहता हूँ कि तुम रोओगे और विलाप करोगे, परन्तु संसार आनन्द करेगा; तुम्हें शोक होगा, परन्तु तुम्हारा शोक आनन्द में बदल जाएगा।


वे इस बात से आनन्दित होकर महासभा के सामने से चले गए, कि हम उसके नाम के लिये अपमानित होने के योग्य तो ठहरे।


इस कारण मैं इन दु:खों को भी उठाता हूँ, पर लजाता नहीं, क्योंकि मैं उसे जिस पर मैं ने विश्‍वास किया है, जानता हूँ; और मुझे निश्‍चय है कि वह मेरी धरोहर की उस दिन तक रखवाली कर सकता है।


क्योंकि तुम्हें धीरज धरना आवश्यक है, ताकि परमेश्‍वर की इच्छा को पूरी करके तुम प्रतिज्ञा का फल पाओ।


कई एक ठट्ठों में उड़ाए जाने; और कोड़े खाने वरन् बाँधे जाने, और कैद में पड़ने के द्वारा परखे गए।


और विश्‍वास के कर्ता और सिद्ध करनेवाले यीशु की ओर ताकते रहें, जिसने उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्जा की कुछ चिन्ता न करके क्रूस का दु:ख सहा, और परमेश्‍वर के सिंहासन की दाहिनी ओर जा बैठा।


इसलिये आओ, उस की निन्दा अपने ऊपर लिये हुए छावनी के बाहर उसके पास निकल चलें।


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