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ऑनलाइन बाइबिल

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याकूब 4:11 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

11 हे भाइयो, एक दूसरे की बदनामी न करो। जो अपने भाई की बदनामी करता है या भाई पर दोष लगाता है, वह व्यवस्था की बदनामी करता है और व्यवस्था पर दोष लगाता है; और यदि तू व्यवस्था पर दोष लगाता है, तो तू व्यवस्था पर चलनेवाला नहीं पर उस पर हाकिम ठहरा।

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पवित्र बाइबल

11 हे भाईयों, एक दूसरे के विरोध में बोलना बंद करो। जो अपने ही भाई के विरोध में बोलता है, अथवा उसे दोषी ठहराता है, वह व्यवस्था के ही विरोध में बोलता है और व्यवस्था को दोषी ठहराता है। और यदि तुम व्यवस्था पर दोष लगाते हो तो व्यवस्था के विधान का पालन करने वाले नहीं रहते वरन् उसके न्यायकर्त्ता बन जाते हो।

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Hindi Holy Bible

11 हे भाइयों, एक दूसरे की बदनामी न करो, जो अपने भाई की बदनामी करता है, या भाई पर दोष लगाता है, वह व्यवस्था की बदनामी करता है, और व्यवस्था पर दोष लगाता है; और यदि तू व्यवस्था पर दोष लगाता है, तो तू व्यवस्था पर चलने वाला नहीं, पर उस पर हाकिम ठहरा।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

11 भाइयो और बहिनो! आप एक दूसरे की निन्‍दा नहीं करें। जो अपने भाई अथवा बहिन की निन्‍दा करता या अपने भाई अथवा बहिन का न्‍याय करता है, वह व्‍यवस्‍था की निन्‍दा और व्‍यवस्‍था का न्‍याय करता है। यदि आप व्‍यवस्‍था का न्‍याय करते हैं, तो आप व्‍यवस्‍था के पालक नहीं, बल्‍कि न्‍यायकर्ता बन बैठते हैं।

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नवीन हिंदी बाइबल

11 हे भाइयो, एक दूसरे के विरोध में न बोलो; जो अपने भाई के विरोध में बोलता है या अपने भाई पर दोष लगाता है वह व्यवस्था के विरोध में बोलता है, और व्यवस्था पर दोष लगाता है; और यदि तू व्यवस्था पर दोष लगाता है, तो तू व्यवस्था का पालन करनेवाला नहीं बल्कि उसका न्यायी ठहरा।

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सरल हिन्दी बाइबल

11 प्रिय भाई बहनो, एक दूसरे की निंदा मत करो. जो साथी विश्वासी की निंदा करता फिरता या उस पर दोष लगाता फिरता है, वह व्यवस्था का विरोध करता है. यदि तुम व्यवस्था का विरोध करते हो, तुम व्यवस्था के पालन करनेवाले नहीं, सिर्फ उसके आलोचक बन जाते हो.

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याकूब 4:11
24 क्रॉस रेफरेंस  

इसलिये सब प्रकार का बैरभाव और छल और कपट और डाह और निन्दा को दूर करके,


अत: हे दोष लगानेवाले, तू कोई क्यों न हो, तू निरुत्तर है; क्योंकि जिस बात में तू दूसरे पर दोष लगाता है उसी बात में अपने आप को भी दोषी ठहराता है, इसलिये कि तू जो दोष लगाता है स्वयं ही वह काम करता है।


हे भाइयो, एक दूसरे पर दोष न लगाओ, ताकि तुम दोषी न ठहरो; देखो, हाकिम द्वार पर खड़ा है।


“दोष मत लगाओ, तो तुम पर भी दोष नहीं लगाया जाएगा। दोषी न ठहराओ, तो तुम भी दोषी नहीं ठहराए जाओगे। क्षमा करो, तो तुम्हें भी क्षमा किया जाएगा।


इसलिये जब तक प्रभु न आए, समय से पहले किसी बात का न्याय न करो : वही अन्धकार की छिपी बातें ज्योति में दिखाएगा, और मनों के अभिप्रायों को प्रगट करेगा, तब परमेश्‍वर की ओर से हर एक की प्रशंसा होगी।


बकवादी पृथ्वी पर स्थिर नहीं होने का; उपद्रवी पुरुष को गिराने के लिये बुराई उसका पीछा करेगी।


सब प्रकार की कड़वाहट, और प्रकोप और क्रोध, और कलह, और निन्दा, सब बैरभाव समेत तुम से दूर की जाए।


क्योंकि मुझे डर है, कहीं ऐसा न हो कि मैं आकर जैसा चाहता हूँ, वैसा तुम्हें न पाऊँ; और मुझे भी जैसा तुम नहीं चाहते वैसा ही पाओ; और तुम में झगड़ा, डाह, क्रोध, विरोध, ईर्ष्या, चुगली, अभिमान और बखेड़े हों;


दयारहित, क्षमारहित, दोष लगानेवाले, असंयमी, कठोर, भले के बैरी,


इसी प्रकार से स्त्रियों को भी गम्भीर होना चाहिए; दोष लगानेवाली न हों, पर सचेत और सब बातों में विश्‍वासयोग्य हों।


तो हम क्या कहें? क्या व्यवस्था पाप है? कदापि नहीं! वरन् बिना व्यवस्था के मैं पाप को नहीं पहिचानता : व्यवस्था यदि न कहती, कि लालच मत कर तो मैं लालच को न जानता।


(क्योंकि परमेश्‍वर के यहाँ व्यवस्था के सुननेवाले धर्मी नहीं, पर व्यवस्था पर चलनेवाले धर्मी ठहराए जाएँगे।


पर जो व्यक्‍ति स्वतंत्रता की सिद्ध व्यवस्था पर ध्यान करता रहता है, वह अपने काम में इसलिये आशीष पाएगा कि सुनकर भूलता नहीं पर वैसा ही काम करता है।


इसी प्रकार बूढ़ी स्त्रियों का चाल–चलन पवित्र लोगों–सा हो; वे दोष लगानेवाली और पियक्‍कड़ नहीं, पर अच्छी बातें सिखानेवाली हों


हे मेरे प्रिय भाइयो, धोखा न खाओ।


हे मेरे प्रिय भाइयो, यह बात तुम जान लो : हर एक मनुष्य सुनने के लिये तत्पर और बोलने में धीर और क्रोध में धीमा हो,


तौभी यदि तुम पवित्रशास्त्र के इस वचन के अनुसार कि “तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख” सचमुच उस राज व्यवस्था को पूरी करते हो, तो अच्छा ही करते हो।


इसलिये हे भाइयो, प्रभु के आगमन तक धीरज धरो। देखो, किसान पृथ्वी की बहुमूल्य फसल की आशा रखता हुआ प्रथम और अन्तिम वर्षा होने तक धीरज धरता है।


हे भाइयो, जिन भविष्यद्वक्‍ताओं ने प्रभु के नाम से बातें कीं, उनको दु:ख उठाने और धीरज धरने का एक आदर्श समझो।


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