यहोशू 24:7 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)7 और जब तुम ने यहोवा की दोहाई दी तब उसने तुम्हारे और मिस्रियों के बीच में अन्धियारा कर दिया, और उन पर समुद्र को बहाकर उनको डुबा दिया; और जो कुछ मैं ने मिस्र में किया उसे तुम लोगों ने अपनी आँखों से देखा; फिर तुम बहुत दिन तक जंगल में रहे। अध्याय देखेंपवित्र बाइबल7 इसलिये लोगों ने मुझसे अर्थात् यहोवा से सहायता माँगी और मैंने मिस्र के लोगों पर बहुत बड़ी विपत्ति आने दी। मैंने अर्थात् यहोवा ने समुद्र में उन्हें डुबा दिया। तुम लोगों ने स्वयं देखा कि मैंने मिस्र की सेना के साथ क्या किया। “‘उसके बाद तुम मरूभूमि में लम्बे समय तक रहे। अध्याय देखेंHindi Holy Bible7 और जब तुम ने यहोवा की दोहाई दी तब उसने तुम्हारे और मिस्रियों के बीच में अन्धियारा कर दिया, और उन पर समुद्र को बहाकर उन को डुबा दिया; और जो कुछ मैं ने मिस्र में किया उसे तुम लोगों ने अपनी आंखों से देखा; फिर तुम बहुत दिन तक जंगल में रहे। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)7 तब तुम्हारे पूर्वजों ने मेरी दुहाई दी। मैंने उनके और मिस्र निवासियों के मध्य अन्धकार का आवरण डाल दिया। मेरे आदेश से सागर का जल उन पर चढ़ गया, और उसने उन्हें अपने भीतर समा लिया। जो कार्य मैंने मिस्र निवासियों के साथ किया, वह तुमने स्वयं अपनी आंखों से देखा है। तुम बहुत समय तक निर्जन प्रदेश में निवास करते रहे। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल7 तुम्हारी पुकार सुनकर मैंने तुम्हारे एवं मिस्रियों के बीच में अंधकार कर दिया और समुद्र उनके ऊपर छा गया, और वे सब उसमें डूब गए. स्वयं तुमने अपने आंखों से यह सब देखा, कि मैंने मिस्र देश में क्या-क्या किया है. तुम निर्जन प्रदेश में बहुत समय तक रहे. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 20197 और जब तुम ने यहोवा की दुहाई दी तब उसने तुम्हारे और मिस्रियों के बीच में अंधियारा कर दिया, और उन पर समुद्र को बहाकर उनको डुबा दिया; और जो कुछ मैंने मिस्र में किया उसे तुम लोगों ने अपनी आँखों से देखा; फिर तुम बहुत दिन तक जंगल में रहे। अध्याय देखें |
क्योंकि इस्राएली तो चालीस वर्ष तक जंगल में फिरते रहे, जब तक उस सारी जाति के लोग, अर्थात् जितने युद्ध के योग्य लोग मिस्र से निकले थे वे नष्ट न हो गए, क्योंकि उन्होंने यहोवा की न मानी थी; इसलिये यहोवा ने शपथ खाकर उनसे कहा था, कि जो देश मैं ने तुम्हारे पूर्वजों से शपथ खाकर तुम्हें देने को कहा था, और उसमें दूध और मधु की धाराएँ बहती हैं, वह देश मैं तुम को नहीं दिखाने का।